Doctors Day 2020 : वीर तुम बढ़े चलो, धीर तुम बढ़े चलो...जी हां ये हैं कोरोना फाइटर्स यानी 'धरती के भगवान' Prayagraj News

Doctors Day 2020 तेजी से कोरोना पॉजिटिव केस मिलने से बड़ी चुनौती है पर डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मी जरा भी घबराए नहीं। बिना रुके बिना थके अपने कर्तव्य पथ पर डटे रहे।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Wed, 01 Jul 2020 11:08 AM (IST) Updated:Wed, 01 Jul 2020 02:51 PM (IST)
Doctors Day 2020 : वीर तुम बढ़े चलो, धीर तुम बढ़े चलो...जी हां ये हैं कोरोना फाइटर्स यानी 'धरती के भगवान'  Prayagraj News
Doctors Day 2020 : वीर तुम बढ़े चलो, धीर तुम बढ़े चलो...जी हां ये हैं कोरोना फाइटर्स यानी 'धरती के भगवान' Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। वीर तुम बढ़े चलो, धीर तुम बढ़े चलो...। प्रसिद्ध साहित्यकार द्वारिका प्रसाद महेश्वरी की रचना इन दिनों धरती के भगवान पर बखूबी फिट बैठती है। जी हां, कोरोना संक्रमण काल ने सबसे कठिन चुनौती मेडिकल परिवार के सामने ही खड़ी की है। सीमित संसाधनों से ही उनको कोरोना से जंग लडऩी पड़ रही है।

बिना रुके, बिना थके अपने कर्तव्य पथ पर डटे रहे

तेजी से पॉजिटिव केस मिलने से यह चुनौती और भी बड़ी हो गई है पर डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मी जरा भी घबराए नहीं। बिना रुके, बिना थके, बिना घर गए केवल अपने कर्तव्य पथ पर डटे रहे। आज डॉक्टर्स डे है, इसलिए ऐसे कोरोना फाइटर्स के कार्यों पर नमन करना भी जरूरी हो जाता है। लेवल वन कोटवा बनी और लेवल थ्री एसआरएन कोविड अस्पताल में ड्यूटी करने वाले ऐसे ही चिकित्सकों व उनकी टीम के लोगों का योगदान व कर्तव्यनिष्ठा देख लोगों के मुख से बरबस ही निकल पड़ता है कि सही मायने में ये ही 'धरती के भगवान' हैं। क्‍योंकि इन्‍होंने खुद को मरीजों का सेवक, रक्षक और हितैषी साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।

जब देश ने दी आवाज हमें, हम घर की राहें भूल गए

हम उन डॉक्टरों की बात कर रहे हैं, जिन्होंने खुद की परवाह किए बिना कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज किया। डॉक्टरों के इसी जुनून व जज्बे के चलते प्रयागराज में 200 मरीज कोरोना मुक्त हो चुके हैं। अपने परिवार से दूर होकर इन्होंने संक्रमित मरीजों का इलाज किया।

महिला डॉक्टरों ने भी अपनी अहम भूमिका निभाई है

यह डॉक्टर लेवल वन कोविड अस्पताल कोटवा बनी व लेवल थ्री कोविड अस्पताल एसआरएन में ड्यूटी कर चुके हैं तो कुछ अभी भी कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में लगे हैं। कोरोना का नाम सुनते ही जब लोगों की सांसें थमने लगती थीं तब यही डॉक्टर भगवान के रूप में कोविड वार्ड में पहुंचे थे। खास बात यह कि इस टीम में सिर्फ पुरुष ही नहीं बल्कि महिला डॉक्टरों ने भी अपनी अहम भूमिका निभाई है।

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