पूर्व सांसद धनंजय सिंह की सुरक्षा वापसी के खिलाफ याचिका हाई कोर्ट ने की खारिज

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जौनपुर के पूर्व सांसद बाहुबली धनंजय सिंह की सुरक्षा वापस लेने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ दाखिल याचिका खारिज कर दी है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Tue, 24 Sep 2019 11:33 PM (IST) Updated:Tue, 24 Sep 2019 11:33 PM (IST)
पूर्व सांसद धनंजय सिंह की सुरक्षा वापसी के खिलाफ याचिका हाई कोर्ट ने की खारिज
पूर्व सांसद धनंजय सिंह की सुरक्षा वापसी के खिलाफ याचिका हाई कोर्ट ने की खारिज

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जौनपुर के पूर्व सांसद बाहुबली धनंजय सिंह की सुरक्षा वापस लेने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ दाखिल याचिका खारिज कर दी है।

यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर तथा न्यायमूर्ति विवेक वर्मा की खंडपीठ ने धनंजय सिंह की याचिका पर दिया है। पुलिस रिपोर्ट में बताया गया कि धनंजय सिंह के जीवन को कोई खतरा नहीं है। इसी रिपोर्ट के आधार पर केंद्र सरकार ने उनकी सुरक्षा वापस ले लिया था। राज्य सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता अजीत कुमार सिंह ने कोर्ट में एसआइटी की सीलबंद रिपोर्ट पेश की। कोर्ट के निर्देश पर सुरक्षा मामले में धनंजय सिंह के क्रियाकलापों व उनकी संलिप्तता एसआइटी ने जांच कर रिपोर्ट पेश की।

कोर्ट ने रिपोर्ट का परीक्षण करने बाद मामले को गंभीर माना। सरकार से कहा कि वह रिपोर्ट के आधार पर याची के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई करे। जौनपुर के प्रह्लाद गुप्ता ने एक याचिका दाखिल कर धनंजय सिंह को मिली सुरक्षा वापस लेने की मांग की थी। याचिकाकर्ता के मुताबिक सुरक्षा वापस लिए जाने का निर्णय गृह मंत्रालय ने मनमाने तरीके से लिया और सिंह की वाई प्लस सुरक्षा वापस लिए जाने के पीछे कोई उचित कारण नहीं बताया गया। फिर एसआइटी रिपोर्ट के बाद याचिका निस्तारित कर दी गई। 

धनंजय सिंह वर्ष 2002 में रारी, जौनपुर से निर्दलीय विधायक चुने गए। फिर वर्ष 2007 विधानसभा चुनावों में जेडीयू-बीजेपी गठबंधन पर दोबारा जीते। वर्ष 2009 में धनंजय सिंह बीएसपी टिकट पर जौनपुर से चुनाव जीत कर सांसद बने। वह 81 हजार वोटों से जीते थे। वर्ष 2014 में उन्हें घरेलू हिंसा के मामले में जेल भेज दिया गया।फिर भी उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और कांग्रेस से भी ज्यादा 67000 वोट पाए।

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