धान क्रय केंद्रों पर शिकायत मिली तो नपेंगे अफसर Prayagraj News

राज्यमंत्री ने पंजीकृत समितियों के क्रय केंद्रों की जानकारी ली। अधिकारियों ने बताया कि जिले में 106 केंद्र बनाए गए थे जिसमें 22 ऐसे केंद्र हैैं जो अब भी संचालित नहीं हो सका है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Sat, 23 Nov 2019 03:59 PM (IST) Updated:Sun, 24 Nov 2019 05:13 PM (IST)
धान क्रय केंद्रों पर शिकायत मिली तो नपेंगे अफसर Prayagraj News
धान क्रय केंद्रों पर शिकायत मिली तो नपेंगे अफसर Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। धान क्रय केंद्रों को लेकर दैनिक जागरण की पड़ताल में पंजीकृत समितियों का खेल सामने आने पर शुक्रवार को प्रदेश के खाद्य एवं रसद मंत्री रणवेंद्र प्रताप सिंह उर्फ धुन्नी सिंह इसकी समीक्षा करने शहर पहुंचे। सर्किट हाउस में अफसरों के साथ बैठक करते हुए उन्होंने कहा कि धान क्रय केंद्रों पर शिकायत मिली तो अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री योगी की सरकार तेजी से जीरो टॉलरेंस की ओर बढ़ रही है। ऐसे में किसी भी अफसर की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

राज्यमंत्री ने पंजीकृत समितियों के क्रय केंद्रों के मामले की जानकारी ली

मंडलीय समीक्षा बैठक में राज्यमंत्री ने पंजीकृत समितियों के क्रय केंद्रों के मामले की जानकारी ली। अधिकारियों ने बताया कि जिले में 106 केंद्र बनाए गए थे, जिसमें 22 ऐसे केंद्र हैैं जो अब भी संचालित नहीं हो सके हैैं। इस पर कड़ी नाराजगी जताते हुए मंत्री ने अविलंब इसे शुरू कराने के निर्देश दिए। कहा कि धान क्रय केंद्रों में क्रय से संबंधित समस्याएं अविलंब दूर कराई जाएं। लक्ष्य के अनुरूप धान की खरीद पर जोर दिया जाए। उन्होंने अधिकारियों द्वारा क्रय केंद्रों के औचक निरीक्षण की जानकारी ली। कहा कि निरीक्षण करें तो वहां की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी कराएं। साथ ही किसानों से भी बातचीत की रिकॉर्डिंग करें। इससे पारदर्शिता दिखेगी।

धान की कम खरीद पर अधिकारियों से जवाब-तलब

राज्यमंत्री ने अधिकारियों से क्रय केंद्रों पर अब तक धान की गई खरीद की जानकारी ली। कम खरीद पर अधिकारियों से जवाब तलब भी किया। कहा कि रोज लक्ष्य के हिसाब से खरीद हो। कहा कि धान खरीद में किसानों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो, इसका विशेष ख्याल रखें। कहाकि मुख्यमंत्री ने इस बार किसान की खतौनी और पासबुक को लिंक किया है। इसमें छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए। कहा कि किसी भी हालत में पीएफएमएस (पब्लिक फंड मैनेजमेंट सिस्टम) से ही भुगतान कराया जाए। समीक्षा बैठक में एडीएम आपूर्ति जितेंद्र कुशवाहा, आरएफसी देवराज यादव, आरएमओ दुर्गेश प्रसाद, डिप्टी आरएमओ विपिन कुमार मौजूद रहे।

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