बोले चिकित्सक, प्रशासन धोखेबाज

जासं, इलाहाबाद : मेडिकल कॉलेज के दो प्रोफेसरों के खिलाफ शासन की कार्रवाई को लेकर इलाहाबाद मेडिकल एसो

By Edited By: Publish:Sun, 26 Apr 2015 01:05 AM (IST) Updated:Sun, 26 Apr 2015 01:05 AM (IST)
बोले चिकित्सक, प्रशासन धोखेबाज

जासं, इलाहाबाद : मेडिकल कॉलेज के दो प्रोफेसरों के खिलाफ शासन की कार्रवाई को लेकर इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन (एएमए) विरोध में उतर आया है। संगठन के पदाधिकारियों ने प्रशासन पर धोखेबाजी का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि प्रशासन के आश्वासन के बाद ही डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म की थी। अधिकारियों द्वारा कहा गया था कि चिकित्सक की पिटाई के पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा, पर ऐसा हुआ नहीं। जो तीन पकड़े भी गए, वह भी तीन दिन में ही छूट गए।

नौ डॉक्टरों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने व डॉ. रोहित गुप्ता को सुरक्षा देने की बात भी अभी प्रशासन द्वारा पूरी नहीं की जा सकी है। यह सब न करके प्रशासनिक अधिकारियों ने चिकित्सकों के खिलाफ ही रिपोर्ट शासन को भेज दी, जिस पर दो डॉ. दिलीप चौरसिया व डॉ. मनीषा द्विवेदी पर गाज गिर गई।

इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन हॉल में शनिवार को पत्र प्रतिनिधियों से बात करते हुए पदाधिकारियों ने कहा कि प्रशासन डॉॅ. रोहित गुप्ता से मारपीट करने वाले आरोपियों के साथ पैरोकार की तरह व्यवहार कर रहा है। उनका कहना है कि घटनाक्रम से डॉक्टर सहमें हुए हैं। शासन और प्रशासन द्वारा डॉक्टरों को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है। इसका विरोध किया जाएगा। मामले में आगे की रणनीति बनाने के लिए एएमए ने शनिवार की रात आईएमए की प्रदेश स्तरीय जनरल बॉडी मीटिंग बुलाई है। चिकित्सकों ने कहा कि वह कमिश्नर से मिलकर अपनी बात कहेंगे।

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किसी भी जांच को तैयार : डॉ. रोहित

इलाहाबाद : आनंद हॉस्पिटल में मरीज की मौत के बाद परिजनों द्वारा पीटे गए डा. रोहित गुप्ता ने कहा कि घटना को लेकर वह किसी भी जांच को तैयार हैं। मैं मरीज की जान बचाने के लिए सुबह अस्पताल गया था, न कि मार खाने। बताया कि मरीज को लीवर सिरोसिस हुआ था और किडनी फेल्योर हो चुकी थी। उन्हें डायबिटीज की शिकायत भी थी। इतना सब होने के बाद भी उनका इलाज किया गया। इसके बदले मुझे मिला क्या, परिजनों की पिटाई। ऐसे में कोई चिकित्सक किसी गंभीर मरीज का क्यों इलाज करने जाएगा। चिकित्सक मरीज को बचाने का हर संभव प्रयास करता है। इस मौके पर एएमए अध्यक्षा डॉ. अभिलाषा चतुर्वेदी सहित तमाम चिकित्सक मौजूद रहे।

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निरस्त हों नर्सिग होमों के लाइसेंस

इलाहाबाद : सरकारी डॉक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस का मामला फिर जोर पकड़ने लगा है। शनिवार को अधिवक्ता अजय मिश्रा ने सीएमओ को ऐसी नर्सिग होमों की सूची देकर उनके लाइसेंस निरस्त करने की मांग की जहां सरकारी डॉक्टर प्रैक्टिस करते हैं। ऐसा न होने पर उन्होंने अवमानना याचिका दाखिल करने की चेतावनी दी है। अधिवक्ता का कहना है कि मेडिकल कॉलेज के चिकित्सक एसआरएन अस्पताल में मरीजों को न देखकर नर्सिग होमों में बुलाते हैं। यह उच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना है। इसको लेकर पूर्व में भी सीएमओ को पहले भी पत्र दिया जा चुका है। शनिवार को उन्होंने ऐसे नर्सिग होमों की सूची पूरे साक्ष्य के साथ सौंपी है।

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