Hathras Case : मृतका के स्वजन ने एक महीने बाद भी नहीं खोला राहुल का लिफाफा

कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी व महासचिव प्रियंका वाड्रा के आर्थिक मदद वाले लिफाफे को बूलगढ़ी कांड के पीड़ितों ने अभी तक खोला ही नहीं है। यह चेक 10 लाख रुपये का बताया गया था। लिफाफा न खोले जाने का बहाना हजम नहीं हो रहा है।

By Sandeep SaxenaEdited By: Publish:Fri, 06 Nov 2020 10:50 AM (IST) Updated:Fri, 06 Nov 2020 10:50 AM (IST)
Hathras Case :  मृतका के स्वजन ने एक महीने बाद  भी नहीं खोला राहुल का लिफाफा
राहुल गांधी व प्रियंका वाड्रा हाथऱस आए और बूलगढ़ी पहुंचकर मृतका के स्वजन से मिले।

हाथरस, जेएनएन। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी व  महासचिव प्रियंका वाड्रा के आर्थिक मदद वाले लिफाफे को बूलगढ़ी कांड के पीड़ितों ने अभी तक खोला ही नहीं है। यह चेक 10 लाख रुपये का बताया गया था। एक महीने बाद भी लिफाफा  न खोले जाने का बहाना अब हजम नहीं हो रहा है। पीडि़त बैंक जाने के लिए समय न मिलने की बात बता रहे हैं, जबकि इसको लेकर तरह-तरह की चर्चाएं होने लगी हैं।

बूलगढ़ी में 14 सितंबर को युवती पर हमला हुआ था, जिसकी 29 अक्टूबर को मौत हो गई थी। इसको लेकर देशभर में मचे बवाल के बीच तीन अक्टूबर को राहुल गांधी व प्रियंका वाड्रा हाथऱस आए और बूलगढ़ी पहुंचकर मृतका के स्वजन से मिले। बंद कमरे में करीब एक घंटे बात की।  कांग्रेस नेताओं ने तब राहुल की ओर से आर्थिक मदद के तौर पर दस लाख रुपये का चेक दिए जाने का दावा किया था, मगर यह चेक अभी भी बंद लिफाफे में बताया जा रहा है, जबकि एक महीने से ज्यादा वक्त गुजर गया।

नहीं आई खाते में धनराशि

छह अक्टूबर को रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास आठवले मृतका के स्वजन से मिलने गांव आए थे। उन्होंने भी पार्टी फंड से पांच लाख रुपये देने की घोषणा की थी। वे मृतका के पिता का खाता नंबर और आइएफएस कोड भी ले गए थे। उनकी ओर से कोई राशि खाते में आई या नहीं, इसकी जानकारी भी मृतका के पिता को नहीं है। उन्होंने बताया कि खाते में कितने रुपये हैं, यह पता नहीं किया है। यह भी बताया कि राहुल गांधी की ओर से दिए गए लिफाफे को अभी खोला नहीं है। खेतीबाड़ी के काम की वजह से बैंक जाने का समय नहीं मिल पाया है। उन पर पांच बीघा खेत है, जिसमें बाजरे की फसल कट चुकी है। दो-चार दिन बाद बैंक जाने की बात कही है।

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