पुलिस ने रद्दी में डाले शांतिभंग के नोटिस!, ये रही वजह Aligarh News
अतिसंवेदनशील माहौल के बीच शहर की सुरक्षा में पुलिस ने भारी चूक की है। सिटी मजिस्ट्रेट कोर्ट से उपद्रवियों के खिलाफ जारी शांतिभंग के नोटिसों को रद्दी के टोकरी में डाल दिया।
सुरजीत पुंढीर, अलीगढ़ : अतिसंवेदनशील माहौल के बीच शहर की सुरक्षा में पुलिस ने भारी चूक की है। सिटी मजिस्ट्रेट कोर्ट से उपद्रवियों के खिलाफ जारी शांतिभंग के नोटिसों को रद्दी के टोकरी में डाल दिया। 20 दिन बाद भी पुलिस इन नोटिसों को तामील नहीं करा पाई। माना जा रहा है कि जमानत लेने की बजाय उपद्रवी बवाल करने में लगे हैं। दोनों क्षेत्रों के 50 लोगों ने ही अब तक जमानत ली है। सभी को एक-एक लाख के मुचलके भरने हैैं।
पुलिस को तामील कराने थे नोटिस
सीएए व एनआरसी के विरोध में बीते 15 दिसंबर को एएमयू में बवाल हुआ था। पुलिस व छात्रों के बीच झड़प हुई। इसके घटना के विरोध में शहर के कई स्थानों पर प्रदर्शन शुरू हो गए। जमालपुर, शाहजमाल में भी उपद्रव हुआ। शाहजमाल में पुलिस पर पथराव तक हुआ। पुलिस ने अराजक तत्वों को चिह्नित कर रिपोर्ट प्रशासन को दी। सिटी मजिस्ट्रेट ने देहलीगेट व कोतवाली क्षेत्र के करीब एक हजार लोगों को शांतिभंग के आरोप में नोटिस दिए। इन सभी को एक-एक लाख के बांड भरने के निर्देश दिए गए। नोटिस तामील कराने की जिम्मेदारी पुलिस को दी गई।
तामील कराने में लापरवाही
नोटिसों को जारी हुए 20 दिन से अधिक हो गए, अब तक 50 लोगों ने ही मुचलके भरे हैं। सूत्रों की मानें तो प्रशासन ने इसकी पड़ताल कराई तो सामने आया है कि आधे से ज्यादा नोटिस पुलिस ने तामील नहीं कराए हैं। अधिकांश लोगों को नोटिस के बारे में पता ही नहीं है।
यह होती है प्रक्रिया
शांतिभंग के नोटिस में सबसे पहले पुलिस मजिस्ट्रेट को रिपोर्ट देती है। मजिस्ट्रेट मुचलका राशि तय कर नोटिस जारी करता हैै। पुलिस नोटिस को संबंधित शख्स को तामील कराती है। उसी के आधार पर मुचलका राशि भरकर जमानत लेनी होती है। कोई जमानत नहीं लेता है तो मजिस्ट्रेट निर्धारित समय के बाद जमानती वारंट जारी करता है। फिर भी जमानत नहीं ली जाती है तो गैर जमानती वारंट जारी होता है। मुचलका भरने के बाद भी कोई शांतिभंग करता है तो उसकी राशि जब्त कर ली जाती है।
जांच के बाद होगी कार्रवाई
सिटी मजिस्ट्रेट विनीत कुमार सिंह का कहना है कि दोनों थाना क्षेत्रों में करीब एक हजार शांतिभंग के नोटिस जारी किए गए थे। अब तक 50 ने ही जमानत ली है। शिकायतें मिल रही हैं कि कुछ नोटिस तामील नहीं हुए हैं। इसकी जांच कराकर कार्रवाई होगी।