सीबीएसई व यूपी बोर्ड की तरह विश्‍वविद्यालय भी करा सकता इंप्रूवमेंट परीक्षा, जानिए क्यों? Aligarh news

अभी आमतौर पर माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तरप्रदेश (यूपी बोर्ड) और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीबीएसई) के छात्र-छात्राओं की इंप्रूवमेंट परीक्षाएं कराने की प्रक्रियाएं होती रही हैं। मगर अब डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा यानी आगरा यूनिवर्सिटी की ओर से भी इंप्रूवमेंट परीक्षा कराने की शुरुआत की जा सकती है।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Mon, 11 Jan 2021 07:35 AM (IST) Updated:Mon, 11 Jan 2021 10:53 AM (IST)
सीबीएसई व यूपी बोर्ड की तरह विश्‍वविद्यालय भी करा सकता इंप्रूवमेंट परीक्षा, जानिए क्यों? Aligarh news
आगरा यूनिवर्सिटी की ओर से भी इंप्रूवमेंट परीक्षा कराने की शुरुआत की जा सकती है।

अलीगढ़, जेएनएन : अभी आमतौर पर माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तरप्रदेश (यूपी बोर्ड) और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीबीएसई) के छात्र-छात्राओं की इंप्रूवमेंट परीक्षाएं कराने की प्रक्रियाएं होती रही हैं। मगर अब डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा यानी आगरा यूनिवर्सिटी की ओर से भी इंप्रूवमेंट परीक्षा कराने की शुरुआत की जा सकती है। दरअसल, इस नई व्यवस्था पर विचार-विमर्श और सहमति की कार्यवाही विद्यार्थियों के एक साल को बचाने के लिए की जा रही है। हालांकि ये आगरा यूनिवर्सिटी की सभी परीक्षाओं में शामिल होने वाले विद्यार्थियों के लिए नहीं बल्कि विधि परीक्षाओं में शामिल होने वाले विद्यार्थियों के लिए पहली बार की जा सकती है। अभी कुलपति की ओर से सहमति तो बनी है लेकिन इसका अंतिम फैसला परीक्षा समिति की बैठक में ही किया जाएगा।

कोरोना के चलते होगा बदलाव

दरअसल, कोरोना काल के चलते 2020 की बीए एलएलबी व एलएलबी तृतीय वर्ष की परीक्षाएं पूर्व की तरह दीर्घउत्तरीय, लघुउत्तरीय व बहुविकल्पीय प्रश्नों के आधार पर न कराकर केवल बहुविकल्पीय प्रश्नों के आधार पर ओएमआर शीट पर कराने का फैसला आगरा यूनिवर्सिटी की ओर से किया गया था। लंबे प्रश्नों के जवाब रटकर तैयार करने के चलते अचानक ओएमआर पर परीक्षा कराए जाने के फैसले का छात्र-छात्राओं ने विरोध भी किया था। मगर उनकी बात नहीं मानी गई थी। परीक्षाएं कराई गईं और एक जनवरी 2021 को परिणाम जारी किया गया। परिणाम जारी होते ही विधि परीक्षार्थियों के नए साल के जश्न में खलल पड़ गई। जिले के 90 फीसद विधि विद्यार्थी इन परीक्षाओं में फेल घोषित किए गए।

छात्रोंं में आक्रोश भड़का 

इस पर छात्र-छात्राओं का आक्रोश भी भड़का। डीएस डिग्री कॉलेज में धरना-प्रदर्शन तक करना पड़ा। छात्रों ने मांग उठाई कि विद्यार्थियों को परिणाम में कुछ राहत दी जाए। छात्र-छात्राओं ने डीएस, एसवी कॉलेज के प्राचार्यों समेत आगरा यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन यानी औटा अध्यक्ष डॉ. ओमवीर सिंह को भी रियायत दिलाने की मांग संबंधी पत्र सौंपा। औटा अध्यक्ष ने इस संबंध में शनिवार को कुलपति प्रो. अशोक मित्तल से इस संबंध में वार्ता की। बताया कि विधि के फेल छात्र-छात्राओं की इंप्रूवमेंट परीक्षा कराकर उनके परिणाम जारी किए जाएं। इंप्रूवमेंट परीक्षा में पास होने वाले विद्यार्थी पास घोषित किए जाएं। जिन पेपर में विद्यार्थी फेल हैं, तीन या चार विषयों में जो भी विश्वविद्यालय उचित समझे, उनकी इंप्रूवमेंट परीक्षा कराई जाएं। बताया कि उनके इस प्रस्ताव पर कुलपति ने सहमति भी जताई है। अब इसको परीक्षा समिति की बैठक में रखा जाएगा। उसमें मुहर लगते ही छात्र-छात्राओं को इंप्रूवमेंट परीक्षा की तिथि के बारे में जानकारी दी जाएगी।

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