Tourism Policy: कारवां और साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देगी सरकार, आगरा से दिए ये सुझाव

Tourism Policy पर्यटन नीति का ड्राफ्ट तैयार पर्यटन कारोबारियों से मांगे सुझाव। उत्तर प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने को बनाई जा रही है नई नीति। आगरा में ताजमहल सहित कई स्मारक हैं और यहां संभावनाएं भी बहुत हैं।

By Nirlosh KumarEdited By: Publish:Fri, 23 Sep 2022 09:06 PM (IST) Updated:Fri, 23 Sep 2022 09:06 PM (IST)
Tourism Policy: कारवां और साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देगी सरकार, आगरा से दिए ये सुझाव
Tourism Policy: आगरा से दिए गए सुझाव

आगरा, जागरण संवाददाता। उत्तर प्रदेश में पर्यटन की अपार संभावनाए हैं। यहां ऐतिहासिक, धार्मिक और प्राकृतिक पर्यटन आकर्षणों की कमी नहीं है। प्रदेश सरकार कम लोकप्रिय पर्यटन स्थलों पर कारवां पर्यटन, साहसिक पर्यटन और जल क्रीड़ा जैसे आकर्षणों को बढ़ावा देगी। इसके लिए पर्यटन नीति का ड्राफ्ट तैयार किया गया है। इस पर पर्यटन विभाग और कारोबारियों से सुझाव आमंत्रित किए गए हैं। नई पर्यटन नीति को वर्ष 2023 में लागू किया जाएगा। यह पांच वर्ष तक प्रभावी रहेगी।

आगरा से दिए गए सुझाव पर्यटन नीति में ताज ट्रेपेजियम जोन में औद्योगिक इकाइयों के लिए पर्यावरणीय मानकों के अनुरूप काम में दक्ष विशेषज्ञ वास्तुविद को पैनल में शामिल किया जाए। प्राधिकरणाें के माध्यम से नियमानुसार कम समय में आवश्यक अनापत्ति सुलभ कराने को प्रणाली बनाई जाए। 20 कक्षों तक की आवासीय इकाइों को उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनापत्ति मिलने की समय सीमा निर्धारित की जाए। अन्य राज्यों की तरह उप्र में भी पर्यटन से जुड़ी इकाइयों होटल, रेस्टोरेंट, टूर आपरेटर्स के अनिवार्य रूप से पंजीकरण की व्यवस्था हो। कैपिटल व इंटरेस्ट सब्सिडी से पूर्व संबंधित प्राधिकरण से कंप्लीशन सर्टिफिकेट को अनिवार्य किया जाए।

नए पर्यटन स्थलों का होगा विकास

पर्यटन नीति में शामिल वाइल्ड लाइफ एवं ईको टूरिज्म सर्किट में सूर सरोवर पक्षी विहार व नेशनल चंबल वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी, आध्यात्मिक सर्किट में बटेश्वर की शिव मंदिर शृंखला, क्राफ्ट सर्किट में मार्बल इनले व जरदौजी वर्क शामिल किए गए हैं।

नीति में मिलेंगी यह सुविधाएं होटलों से विद्युत कर व्यावसायिक दर के स्थान पर औद्योगिक दर पर लिए जाएंगे। पर्यटन नीति में वर्णित सभी वर्गों में स्थापित होने वाली इकाइयों से नगर निगम व जल संस्थान की करों की दरें उद्योग की तरह देय होंगी। औद्योगिक भूमि पर होटल व रिजोर्ट का निर्माण अनुमन्य किया जाएगा। होटलाें के लिए पूंजीगत अनुदान का निर्धारण होगा।

इससे पूर्व भी बनाई गई है नीति

उप्र में वर्ष 1997 में सबसे पहले पर्यटन नीति बनाई गई थी। इसके बाद वर्ष 2014 और 2018 में पर्यटन नीति बनाई गईं। 2018 की नीति में नई इकाइयों की परिभाषा व इकाई के निर्माण के संबंध में स्पष्टता नहीं होने की वजह से उद्यमियों को नीति के वित्तीय प्रोत्साहन व लाभ प्रदान नहीं किए जा सके। इस खामी को नई पर्यटन नीति में दूर किया जाएगा।

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पर्यटन नीति पर आनलाइन सुझाव कारोबारियों से मांगे गए हैं। कुछ ने सुझाव भेज दिए हैं। विभाग ने टूर आपरेटरों को नई नीति में सुविधाएं व अनुदान दिलाने, सलाहकार नियुक्त करने का सुझाव मुख्यालय को भेजा है। सलाहकार निवेशकों को होटलों की स्थापना के विषय में उपयोगी जानकारी दे सकेगा। - अविनाश चंद मिश्रा, संयुक्त निदेशक पर्यटन 

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