डिप्टी सीएम से मिले सेवानिवृत्त फौजी, मांगा न्याय

पत्नी को जिदा जलाने के मामले में कार्रवाई की मांग की। सर्किट हाउस के बाहर क्षत्रिय संगठनों ने दिया ज्ञापन

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Oct 2020 07:00 AM (IST) Updated:Thu, 22 Oct 2020 07:00 AM (IST)
डिप्टी सीएम से मिले सेवानिवृत्त फौजी, मांगा न्याय
डिप्टी सीएम से मिले सेवानिवृत्त फौजी, मांगा न्याय

आगरा, जागरण संवाददाता। महिला को जिदा जलाने का मामला बुधवार को डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा तक पहुंच गया। पीड़ित सेवानिवृत्त फौजी ने उनके सामने अपनी बात रखी और न्याय मांगा। विधायक राम प्रताप सिंह चौहान ने डिप्टी सीएम को पूरे मामले से अवगत कराया। इसके बाद उन्होंने डीएम प्रभु एन सिंह को कार्रवाई कराने के निर्देश दिए। उधर, क्षत्रिय संगठनों ने सर्किट हाउस के बाहर प्रदर्शन किया। इसके बाद उन्होंने डिप्टी सीएम को ज्ञापन दिया।

ताजगंज की पुष्पांजलि ईको सिटी कालोनी में छह अक्टूबर को सेवानिवृत्त फौजी अनिल राजावत और पड़ोसी भरत खरे के बच्चों के विवाद में पुलिस ने एससी एसटी एक्ट की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया था। इसके बाद पुलिस ने अनिल को पुलिस चौकी में बैठाकर दबाव बनाया। 11 अक्टूबर को कालोनी में हुई पंचायत के बाद अनिल की पत्नी संगीता को जिदा जला दिया गया था। इस मामले में ताजगंज थाने में हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ। भरत और उसकी पत्नी सुनीता समेत चार को जेल भेज दिया गया। मगर, लापरवाह पुलिसकर्मियों और अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। मंगलवार को विधायक राम प्रताप चौहान और विधायक पक्षालिका सिंह के साथ अनिल राजावत डिप्टी सीएम से मिले। अनिल ने कहा कि उन्हें न्याय चाहिए। डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने उन्हें न्याय दिलाने का आश्वासन दिया।

उधर, क्षत्रिय महासभा राजपुर चुंगी, अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा और करणी सेना ने डिप्टी सीएम को ज्ञापन देका मांगें रखीं।

ये हैं क्षत्रिय महासभा की मांग

-निलंबित किए गए एसआइ योगेश कुमार को बर्खास्त किया जाए और उनके खिलाफ 60 हजार रुपये रिश्वत लेने के मामले में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई हो।

- मामले में दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

- अनिल राजावत पर लगाया गया हरिजन एक्ट का मुकदमा जल्द खत्म हो।

- पंचायत में भरत खरे द्वारा बुलाए गए लोगों को गिरफ्तार किया जाए।

एससी-एसटी एक्ट का मुकदमा खत्म करने की तैयारी

सीओ सदर महेश कुमार ने बताया कि कालोनी केवल आठ वर्ष पुरानी है। भरत खरे की जाति कालोनी में कोई नहीं जानता था। सभी उसे कायस्थ जाति से समझते थे। वह सोसाइटी का अध्यक्ष भी रहा था। कालोनी के लोगों के बयान के आधार पर एससी-एसटी एक्ट का मुकदमा जल्द खत्म किया जाएगा। कालोनी में हुई पंचायत में शामिल हुए लोगों को भी चिह्नित किया जा रहा है।

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