Ambedkar University Agra: लैब के इंतजार में बीफार्मा के 250 छात्र, पढ़ें फंड का खेल
Ambedkar University Agra इसी साल जून में विभाग को छलेसर परिसर में किया गया था शिफ्ट। कागजी कार्यवाही पूरी फंड पास अब तक नहीं हुआ रिलीज। 2006 में पीसीआइ से मान्यता न मिलने के बाद भी पाठ्यक्रम संचालित करने पर मामला उच्च न्यायालय पहुंचा था।
आगरा, जागरण संवाददाता। डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के बीफार्मा के 250 छात्र पिछले पांच महीने से लैब बनने का इंतजार कर रहे हैं। कागजी कार्यवाही हो चुकी है। फंड पास हो चुका है, लेकिन अभी तक रिलीज नहीं किया गया है।
फार्मेसी विभाग को इसी साल जून में छलेसर कैंपस में शिफ्ट किया गया था, इससे पहले यह पाठ्यक्रम खंदारी परिसर में संचालित था। जून से लेकर अब तक यहां लैब नहीं है। लैब के लिए कई बार पत्र लिखे जा चुके हैं, फंड पास हो चुका है, लेकिन रिलीज नहीं किया गया है। इसी साल विभाग को फार्म डी की मान्यता भी मिल गई है। पिछले साल फार्मेसी विभाग को 50 फीसद अनुदान विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से भी मिला है। बाकी का विश्वविद्यालय वहन करेगा। पहले वर्ष के लिए 50 लाख रुपये का अनुदान मिलना था। इस अनुदान को संसाधनों को जुटाने में खर्च करने के साथ ही शिक्षकों के वेतन पर भी खर्च करना था। विभागाध्यक्ष डा. ब्रजेश तिवारी के अनुसार वे लैब के लिए पत्र लिख चुके हैं, लेकिन अभी तक सुनवाई नहीं हुई है।
पुराना नाता है विवादों से
फार्मेसी विभाग का विवादों से पुराना नाता रहा है। 2006 में पीसीआइ से मान्यता न मिलने के बाद भी पाठ्यक्रम संचालित करने पर मामला उच्च न्यायालय पहुंचा था। तत्कालीन कुलपति प्रो. एएस कुकला व तत्कालीन कुलसचिव वीके सिन्हा के खिलाफ भी कार्यवाही के आदेश उप्र सरकार के प्रमुख सचिव ने दिए थे।