मिड-डे मील में राशन का टोटा, व्यवस्था को कुपोषण

जिले के कई स्कूलों मिड-डे मिल बनाने के लिए राशन नहीं भेजा जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 02 Feb 2020 10:58 PM (IST) Updated:Sun, 02 Feb 2020 10:58 PM (IST)
मिड-डे मील में राशन का टोटा, व्यवस्था को कुपोषण
मिड-डे मील में राशन का टोटा, व्यवस्था को कुपोषण

सुशील पाडे,नवाशहर : जिले के कई स्कूलों मिड-डे मिल बनाने के लिए राशन नहीं भेजा जा रहा है। ज्यादातर स्कूलों में गेंहू खत्म हो चुका है जिस कारण दोपहर में बच्चे सिर्फ चावल खाने को मजबूर हैं। जिन स्कूलों में राशन नहीं भेजा जा रहा, वहा स्कूल के अध्यापक अपनी जेब से पैसे देकर बच्चों के लिए राशन खरीद रहे हैं। कई अध्यापक हजारों रुपये का राशन उधार लेकर बच्चों को खाना खिला रहे हैं। जिला शिक्षा शिक्षा अधिकारी भी इस समस्या को लेकर राशन मुहैया करवाने वाली सरकारी एजेंसी से बात कर चुके हैं। इसके बावजूद समस्या का समाधान नहीं हुआ है। खामियाजा स्कूल के बच्चों को भुगतना पड़ रहा है। एक सप्ताह से मिड-डे मिल की सप्लाई बंद है। पनसप निजी ठेकेदार से उपलब्ध करवाता है राशन

शिक्षा विभाग ने सरकारी एजेंसी पनसप को यूसी सर्टिफिकेट मुहैया नहीं करवाया है और इसी कारण मिड-डे मील के राशन की सप्लाई एक सप्ताह से बंद है। पनसप निजी ठेकेदार से सरकारी स्कूलों को राशन उपलब्ध करवाता है। राशन की सप्लाई देने के बाद ट्रासपोर्ट स्कूल के ड्क्षप्रसिपल से लिखवा कर लेता है कि राशन पहुंच चुका है। नए नियम के मुताबिक लिखवाने के बाद उस पर संबंधित स्कूल के ड्क्षप्रसीपल की मोहर भी जरूरी थी। मोहर न लगने से पनसप ने सप्लाई रोक दी है।

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सर्टिफिकेट न मिलने के कारण रोकी सप्लाई : पनसप

पनसप के डीएम जनकराज ने कहा कि उनके विभाग को शिक्षा विभाग ने यूसी सर्टिफिकेट मुहैया नहीं करवाए गए थे, जिस कारण सप्लाई रोक दी गई थी। एक सप्ताह तक इसी कारण से सप्लाई बंद की गई है। अब यूसी सर्टिफिकेट मिल गए हैं और सप्लाई भी शुरू कर दी गई है।

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ठेकेदार की गलती से रुकी थी सप्लाई : डीईओ

जिला शिक्षा अधिकारी (एलमेंट्री) सड्क्षतदरवीर ड्क्षसह ने कहा कि ठेकेदार की गलती से सप्लाई रुकी थी। ठेकेदार को बुलाकर उसे समझाया गया। उसके बाद सप्लाई को दोबारा चालू कर दिया गया है। यूसी सर्टिफिकेट की समस्या थी उसका भी समाधान कर लिया गया है।

------------------------ यह है मिड-डे मील मेन्यु सोमवार-दाल,रोटी

मंगलवार-दाल व चावल

बुधवार-काले चने, रोटी

वीरवार-कढ़ी व चावल

शुक्त्रवार-मौसमी सब्जी व रोटी

शनिवार-दाल व चावल ----------------------

स्कूलों ने नहीं बनाया मेन्यु

सरकारी स्कूल हर सप्ताह शिक्षा विभाग को मेन्यू भेजते हैं। बेशक मेन्यु पहले ही बना हुआ है, लेकिन कंफरमेशन के लिए इसे जिला शिक्षा विभाग को भेजा जाता है। राशन की सप्लाई न होने से इस सप्ताह के सोमवार को मेन्यु ही नहीं बनाया गया। ------------- 654 स्कूलों को हर माह दिया जाता है राशन

38 लाख रुपये का यह राशन आता है

424 प्राइमरी स्कूल हैं जिले में

211 अपर प्राइमरी स्कूल,

16 एडिड और तीन आदर्श स्कूल

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100 ग्राम प्राइमरी के एक बच्चे को रोज दिया जाता है राशन

100 ग्राम अपर प्राइमरी के एक बच्चे को दिया जाता है राशन

2019 के बाद से प्राइमरी स्कूल में प्रति बच्चा 4.48 रुपये खर्च

6.71 रुपये के हिसाब से अपर प्राइमरी स्कूल के एक बच्चे पर खर्च --------------

2.50 रुपये प्राइमरी के बच्चों के लिए दिसंबर 2019 से भोजन पकाने की लागत

3.75 रुपये की दर से अपर प्राइमरी बच्चों के लिए भोजन पकाने की लागत

2010 अप्रैल व 2011 अप्रैल से भोजन पकाने की लागत 7.5 प्रतिशत बढ़ाई

01 जुलाई 2016 से फिर दरों में परिवर्तन, 2019 में फिर बढ़ाई

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