फ्री चेकअप का 'लूट कैंप' करवाया बंद

By Edited By: Publish:Sun, 27 Jul 2014 01:53 AM (IST) Updated:Sun, 27 Jul 2014 01:53 AM (IST)
फ्री चेकअप का 'लूट कैंप' करवाया बंद

संवाद सूत्र, मजारी

गांव चणकोया के पंचायत घर में शनिवार को फ्री चेकअप के लूट कैंप का भंडाफोड़ ही नहीं हुआ, बल्कि उसे बंद भाी करवा दिया गया। मामला लोगों की सेहत और जब का जो था। गुरुद्वारे से घोषणा करवाने के बाद चेकअप फ्री करके लोगों को महंगी आयुर्वेदिक दवाएं आधी कीमत पर देने का दावा कर रही थी कथित डॉक्टरों की यह टीम।

शनिवार को गांव चणकोया में वैन में सवार होकर आए कथित डॉक्टरों ने गुरुद्वारे के लाउडस्पीकर से एनाउंसमेंट करवा दी कि गांव में फ्री आयुर्वेदिक एवं जनरल चेकअप कैंप लगाया जा रहा है। इसके बाद भोले-भाले ग्रामीणों से पंचायत घर खचाखच भर गया। इसके बाद मशीनों से चेकअप का सिलसिला शुरू किया गया और फिर दवा वितरण का। दवा वितरण का तो क्या लूट का सिलसिला था यह। हालांकि कुछ लोगों ने उन महंगी आयुर्वेदिक दवाओं को लेने से इन्कार कर दिया, जो कि कथित डॉक्टर आधी कीमत पर उपलब्ध करवाने का दावा कर रहे थे। फिर भी बहुत से लोग इन ठग डॉक्टरों के झांसे में आ ही गए। शायद दवा से लूट का यह दौर कुछ और चल निकलता, लेकिन अचानक न जाने कैसे साहिबा स्थित मिनी पीएचसी के आयुर्वेदिक चिकित्सक फूल चंद को इसकी भनक लग गई। डॉ. फूलचंद ने खुद गांव चणकोया के पंचायतघर में जाकर मामले की सच्चाई जानी। कथित डॉक्टरों की टीम से पूछताछ की और सर्टिफिकेट मांगे, लेकिन ऐसा कुछ मिला नहीं। डॉ. फूलचंद ने चेकअप के इस 'लूट कैंप' को बंद करवा संबंधित कथित डॉक्टरों को चेतावनी देकर छोड़ दिया।

बाद में दैनिक जागरण से मुखातिब डॉ. फूलचंद ने बताया कि मौके पर हाजिर सभी लोग फर्जी पाए गए। उन्हें आयुर्वेदिक के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। यह पहली बार ही नहीं हुआ, इससे पहले भी ऐसे कई कैंप बंद करवाए गए हैं। लोगों को जागरूक होने की जरूरत है। ऐसी कोई टीम गांव में आए तो तुरंत सेहत विभाग के किसी नजदीकी केंद्र में सूचना दें।

गांववासी परमजीत सिंह व मोहन लाल ने जिला सेहत प्रशासन से मांग की के जिले में घूम रहे ऐसे फर्जी डॉक्टरों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।

रिटायर्ड सुपरिटेंडेंट राम आसरा ने कहा कि किसी भी संस्था को कभी ऐसा कोई मेडिकल चेकअप कैंप लगाना हो तो पहले सिविल सर्जन नवांशहर से मंजूरी लें। गांव के सरपंच व लोगों को जागरूक करने के लिए सेहत विभाग को हरकत में आना चाहिए।

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