सख्ती से डरे प्रिंसिपल और हैडमास्टर, फेल स्टूडेंट्स को नहीं देना चाहते दाखिला

दसवीं में फेल हुए है 1300 स्टूडेंट्स, दोबारा दाखिला देने से फिर से बिगड़ सकता है पास प्रतिशत।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 15 Jul 2018 03:27 PM (IST) Updated:Sun, 15 Jul 2018 03:27 PM (IST)
सख्ती से डरे प्रिंसिपल और हैडमास्टर, फेल स्टूडेंट्स को नहीं देना चाहते दाखिला
सख्ती से डरे प्रिंसिपल और हैडमास्टर, फेल स्टूडेंट्स को नहीं देना चाहते दाखिला

चंडीगढ़ : शिक्षा विभाग की सख्ती से चंडीगढ़ के हैडमास्टर और प्रिंसिपल बुरी तरह से डरे हुए है। दसवीं का परिणाम खराब आने के बाद विभाग ने तीन टीचर्स को टर्मिनेट, और पांच टीचर्स, इंचार्ज, हैडमास्टर और प्रिंसिपल को सस्पेंड कर दिया है। इसके साथ ही खराब परिणाम देने वाले तीन इंचार्ज को ट्रांसफर भी कर दिया है। इसके बाद अब सरकारी स्कूलों के हैडमास्टर और प्रिंसिपल फेल स्टूडेंट्स को दाखिला देने से इंकार कर रहे है। उन्हें डर सता रहा है कि यदि इन फेल स्टूडेंट्स का परिणाम दोबारा से खराब आया तो विभाग उन पर पहले से भी ज्यादा सख्त कार्रवाई करेगा। बता दें कि इस साल 1300 स्टूडेंट्स फेल हुए थे, जबकि 4300 के करीब स्टूडेंट्स की कंपार्टमेंट आई। कंपार्टमेंट के बाद 17 जुलाई से एग्जाम शुरू हो रहे हैं, लेकिन उससे पहले फेल स्टूडेंट्स दाखिला मांग रहे है जिन्हें देने में हैडमास्टर और प्रिंसिपल आनाकानी कर रहे हैं। पहले लेना चाहते हैं टेस्ट

स्कूल हैडमास्टर और प्रिंसिपल फेल हुए बच्चों का दाखिले से पहले टेस्ट लेना चाहते हैं। उनका साफ कहना है कि फेल होने वाले बच्चों के तीन-तीन विषयों में जीरो-जीरो नंबर है। ऐसे में टेस्ट क्लीयर होने पर ही स्टूडेंट्स को दाखिला देने का विचार है। विभागीय सूत्रों की माने तो फेल होने वाले स्टूडेंट्स में 70 प्रतिशत से ज्यादा बच्चे ऐसे है जिनके तीन-तीन विषयों में जीरो और बाकी के दो विषयों में भी पास होने जितने नंबर नहीं मिले है। विभाग ने दिए है 75 प्रतिशत रिजल्ट देने के निर्देश-

शिक्षा विभाग खराब परिणाम के सुधार को लेकर कई बैठकें कर चुका है। एक बैठक में शिक्षा सचिव बंसी लाल शर्मा वर्ष 2018-19 का दसवीं का परिणाम 70 प्रतिशत से ज्यादा देने के भी निर्देश दे चुके है उसके लिए पूरी जिम्मेवारी प्रिंसिपल को दे रखी है। --

बच्चों को एडमिशन से पहले टेस्ट लिया जाए ऐसा कोई आदेश जारी नहीं हुआ है। यदि ऐसा हो रहा है तो इसकी जांच की जाएगी।

अनुजीत कौर, जिला शिक्षा अधिकारी।

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