पंजाब कैबिनेट की बैठक में कई फैसले, जेल वार्डन के 305 पदों पर होगी सीधी भर्ती

पंजाब कैबिनेट मुख्‍यमंत्री कैप्‍अन अमरिंदर सिंह की अध्‍यक्षता मेें बैठक हुई। इसमें कई बड़े फैसले किए गए। राज्‍य की जेलों में 305 वार्डन की सीधी भर्ती होगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Thu, 23 Jul 2020 07:56 AM (IST) Updated:Thu, 23 Jul 2020 08:22 AM (IST)
पंजाब कैबिनेट की बैठक में कई फैसले, जेल वार्डन के 305 पदों पर होगी सीधी भर्ती
पंजाब कैबिनेट की बैठक में कई फैसले, जेल वार्डन के 305 पदों पर होगी सीधी भर्ती

चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब कैबिनेट की बैठक मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अम‍रिंदर सिंह की अध्‍यक्षता में हुई। इसमें कई फैसले किए गए। जेलों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कैबिनेट ने वार्डनों की सीधी भर्ती का फैसला किया है। कैबिनेट बैठक के दौरान 305 वार्डन भर्ती करने को मंजूरी दे दी। वहीं, कैबिनेट ने एक और अहम फैसला अब यह भर्ती अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड नहीं, बल्कि पंजाब पुलिस भर्ती बोर्ड करेगा।

अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड की जगह पंजाब पुलिस भर्ती बोर्ड करेगा नियुक्तियां

पंजाब सरकार का कहना है कि यह फैसला जेलों के प्रबंधन में सुधार के लिए उपयुक्त अमला मुहैया करवाने में सहायक होगा। यह समूची भर्ती प्रक्रिया चार महीनों के अंदर ही मुकम्मल की जाएंगी। पंजाब की जेलों में मौजूदा समय 24 हजार से ज्यादा कैदी व हवालाती हैं। इन कैदियों की निगरानी के लिए जरूरी स्टाफ की कमी है। 27 नवंबर, 2016 की नाभा जेल तोडऩे की घटना के बाद स्टाफ की कमी ज्यादा महसूस की जा रही थी और कैबिनेट के अनुसार ऐसी घटनाओं को रोकेने के लिए स्टाफ की क्षमता बढ़ाने की जरूरत है।

नाभा जेल ब्रेक की घटना की जांच के लिए गठित उ'च स्तरीय कमेटी ने भी जेल में इस घटना के कारण के तौर पर स्टाफ की कमी को भी बताया गया था। इसी दौरान कैबिनेट की तरफ से साल 2017 के लिए गृह मामले और न्याय विभाग की सालाना प्रशासकीय रिपोर्ट को भी मंजूरी दे दी गई है।

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टेस्टिंग क्षमता बढ़ाने के लिए सात मशीनें खरीदेगी सरकार

पंजाब सरकार टेस्टिंग क्षमता को मजबूत करने के लिए एक कदम और बढ़ाएगी। इसके तहत पटियाला, अमृतसर, फरीदकोट के सरकारी मेडिकल कॉलेजों के बीच की वायरल टेस्टिंग लैब और इसके अलावा मोहाली, लुधियाना और जालंधर में नई स्थापित की गई वायरल टेस्टिंग लैब के लिए सात ऑटोमैटिक आरएनए एक्स्ट्रैक्शन मशीनों की खरीद की जाएगी। कैबिनेट बैठक के दौरान राज्य में कोविड के बढ़ते मामलों के मद्देनजर अगले तीन-चार हफ्तों में इन मशीनों की खरीद को हरी झंडी दे दी।

कैबिनेट की तरफ से स्वास्थ्य क्षेत्र के प्रबंधन व खरीद कमेटी की ओर से मंजूर थर्मोफिशर निर्मित किेंगफिशर फ्लैक्स मॉडल की सात ऑटोमैटिक आरएनए एक्स्ट्रैक्शन मशीनों और टेस्टिंग किटों की खरीद को हरी झंडी दी गई। इन मशीनों व टेस्टिंग किटों पर आने वाला खर्चा प्रांतीय आपदा प्रबंधन फंड में से किया जाएगा और पूरी खरीद प्रक्रिया की निगरानी बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफहेल्थ साइंसिज, फरीदकोट के उप-कुलपति की निगरानी में होगी।

राज्य के मेडिकल शिक्षा व अनुसंधान विभाग की तरफ से मार्च- 2020 में ही सरकारी मेडिकल कॉलेज पटियाला व अमृतसर में दो वायरल टेस्टिंग लैब स्थापित की गई थीं। उसके बाद अप्रैल-2020 में तीसरी वायरल टेस्टिंग लैब गुरु गोबिंद सिंह मेडिकल कॉलेज, फरीदकोट में स्थापित की गई। मूलभूत दौर में कोविड-19 संबंधी जांच में टेस्टिंग की क्षमता 40 टेस्ट प्रति लैब प्रति दिन थी। बाद में जब विभाग ने नई मशीनें स्थापित की तो यह टेस्टिंग क्षमता प्रति लैब प्रति दिन 400 तक पहुंच गई।

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पंजाब में तैयार हुई पांच लाइफ सेविंग एंबुलेंसों को हरी झंडी

स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने पांच एडवांस लाइफ सेविंग एंबुलेंस को हरी झंडी देकर रवाना किया। एंबुलेंस की कमी को दूर करने के लिए पंजाब सरकार ने 17 एएलएस व 60 बीएलएस एंबुलेंस खरीदने का फैसला किया है। उन्होंने कहा मेक इन पंजाब पॉलिसी को ध्यान में रखते हुए जैम पोर्टल से मैसर्ज एसएमएल इसूजू लिमिटेड को इनका ऑर्डर दिया गया था। इसके अंतर्गत पांच एडवांस लाइफ सेविंग एंबुलेंस बुधवार को प्राप्त हुई हैं।

मंत्री ने कहा कि सभी 17 एएलएस एंबुलेंस जीवन बचाने वाले उपकरणों जैसे वेंटिलेटर, डिफिब्रिलेटर, मल्टी-पैरा मरीजों की निगरानी, सक्शन मशीन, निबूलाइजर आदि से पूरी तरह लैस हैं। इनकी डिलीवरी शुरू कर दी गई है और बाकी रहती एंबुलेंस एक महीने में मिल जाएंगी। पंजाब के पास वर्तमान में पांच एएलएस व 245 बीएलएस एंबुलेंस मौजूद हैं। इनको 108 कॉल सेंटर के साथ जोड़ा गया है। सिद्धू ने कहा कि यह एंबुलेंस सांस लेने में तकलीफ और अन्य गंभीर समस्याओं वाले मरीजों के लिए जीवन रक्षक साबित होंगी। हम यह यकीनी बना रहे हैं कि इमरजेंसी एंबुलेंस शहरी क्षेत्रों में 20 मिनट के अंदर व ग्रामीण क्षेत्रों में 30 मिनट के अंदर पहुंच सकें।

अमृतसर व लुधियाना में वाटर सप्लाई के लिए 2129 करोड़ का प्रोजेक्ट मंजूर

 पंजाब मंत्रिमंडल ने अमृतसर और लुधियाना शहरों के लिए विश्व बैंक की सहायता से 285.71 मिलियन डॉलर (2129.66 करोड़) के नहरी वाटर सप्लाई प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी। इस प्रोजेक्ट पर इंटरनेशनल बैंक फॉर रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट (आइडीबीडी) कुल राशि का 70 फीसद खर्च करेगा, जो 200 मिलियन डॉलर (1490.83 करोड़) बनता है। बाकी 30 फीसद राशि 85.71 मिलियन डॉलर (638.83 करोड़) पंजाब सरकार खच्र करेगी।

इस प्रोजेक्ट के चार हिस्से होंगे। 11.61 मिलियन डॉलर की लागत से शहरी व वाटर सप्लाई सेवा प्रबंधन को मजबूत करना, 240.38 मिलियन डॉलर से वाटर सप्लाई के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना, 15.62 मिलियन डॉलर के साथ जमीन ग्रहण व पुनर्वास करना, 10 मिलियन डॉलर कोविड संकट से निपटने के लिए, 7.6 मिलियन डॉलर प्रोजेक्ट प्रबंधन और 0.5 मिलियन डॉलर फ्रंट एंड फीस पर खर्च किए जाएंगे।

पंजाब सरकार ने जून 2018 में प्रोजेक्ट तैयार किया था। विश्व बैंक की तकनीकी सहायता से 2015 में दोनों शहरों के लिए पूर्व संभावित रिपोर्ट तैयार की गई, जो 2019 में अपडेट की गई। अमृतसर व लुधियाना में नहरों के पास के पंपिंग स्टेशनों व संशोधित पानी इकट्ठा करने वाले टैंकों सहित वाटर ट्रीटमेंट प्लांटों के निर्माण के लिए जमीन की जरूरत क्रमवार 40 एकड़ व 50 एकड़ है। अमृतसर में गांव वल्लां में अपरबारी दोआब केनाल के साथ लगती जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया है। लुधियाना में गांव रामपुर के पास जमीन की पहचान कर ली है। इसके अधिग्रहण की कोशिश जारी है।

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