Prashant Kishor ने पंजाब में विभागों से लेना शुरू किया फीडबैक, कैप्टन के लिए बनाएंगे खास रणनीति

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के प्रधान सलाहकार एवं चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने पंजाब में सक्रियता बढ़ा दी है। चुनावी रणनीति तैयार करने से पहले प्रशांत किशौर ने विभागों से फीडबैक लेना शुरू कर दिया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Thu, 18 Mar 2021 08:54 PM (IST) Updated:Fri, 19 Mar 2021 12:36 PM (IST)
Prashant Kishor ने पंजाब में विभागों से लेना शुरू किया फीडबैक, कैप्टन के लिए बनाएंगे खास रणनीति
प्रमुख चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की फाइल फोटो।

चंडीगढ़ [कैलाश नाथ]। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) के प्रमुख सलाहकार व चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor PK)  पंजाब में सक्रिय भूमिका में आ गए हैं। पीके ने विभागों से यह जानकारी जुटानी शुरू कर दी है कि 2017 में कांग्रेस ने जो वादे किए थे, उनमें से किन वादों पर कितना काम हुआ। बाकी के रहते समय में विभाग आगे का क्या प्लान कर रहे हैं, ताकि वह 2022 को लेकर अपनी अगली रणनीति बना सकें।

पीके ने मुख्यमंत्री के प्रमुख सलाहकार के रूप में अपना कार्यभार संभाल लिया है। बुधवार को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और चीफ सेक्रेटरी के साथ बैठक के बाद वीरवार को उन्होंने सभी विभागों के सचिवों के साथ बैठक की। जानकारी के अनुसार पीके सभी विभागों में पिछले चार साल के दौरान किए गए कामों का ब्योरा ले रहे हैं। खासतौर पर उन बिंदुओं पर सबसे ज्यादा फोकस किया जा रहा है जिसके बारे में कांग्रेस ने 2017 में अपने चुनावी घोषणा पत्र में स्थान दिया था।

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सीएम कर रहे 85 फीसद वादे पूरे होने का दावा

खास बात यह है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह दावा कर रहे हैं कि कांग्रेस ने जो 2017 में वादे किए थे, उसमें से 85 फीसद पूरे कर लिए हैं। हालांकि पार्टी नेताओं को यह अच्छी तरह से पता है कि विपक्ष घर-घर नौकरी, 2500 रुपये बेरोजगारी भत्ता, किसानों की संपूर्ण कर्जमाफी, सस्ती बिजली को लेकर घेर सकता है। यह सभी वह मुद्दे हैं जो कि आम लोगों से सीधे जुड़े हुए हैं और सरकार इस पर चुप्पी साधे हुए है। वहीं, प्रशांत किशोर के लिए यह सबसे बड़ी चुनौती होगी कि इन वादों से लोगों का ध्यान हटाकर नई रणनीति तैयार करें। बेरोजगारी भत्ता और सस्ती बिजली को लेकर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने स्पष्ट कर दिया है कि वित्तीय स्थिति में सुधार होने पर ही इन सारी बातों पर सोचा जा सकता है।

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विपक्ष के निशाने पर हैं कैप्टन और पीके

वहीं, विपक्ष ने भी इस बार कैप्टन के साथ-साथ प्रशांत किशोर को निशाने पर लेने की रणनीति बना रखी है। यही कारण है कि विपक्ष ने विधानसभा सत्र व सदन के बाहर यह मामला उठा दिया था कि पंजाब के लोगों को बड़े-बड़े सपने दिखाकर वोट लेने वाले पीके पर पर्चा दर्ज होना चाहिए। वहीं, पीके को लेकर वीरवार को जब मुख्यमंत्री से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हरेक राजनीतिक पार्टी की अपनी रणनीति होती है। किससे कैसे मदद लेनी है या उसका क्या उपयोग करना है।

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वहीं, विपक्ष के नेता हरपाल चीमा का कहना है, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को अपने ऊपर भरोसा नहीं रहा,  इसलिए वह रणनीतिकार की मदद ले रहे हैं। अगर वास्तव में उन्होंने 85 फीसद काम कर दिए होते, किसानों का संपूर्ण कर्ज माफ कर दिया होता, सस्ती बिजली मुहैया करवा दी होती, बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता दे देते तो उन्हें किसी रणनीतिकार की जरूरत नहीं थी। मुख्यमंत्री पुराने झूठ को छुपाने के लिए एक नए और बड़े झूठ को गढ़ना चाहते हैं।

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