Article 370: कश्मीर में कुछ इस तरह खोली जा रहीं दुकानें, जानें- क्या है Lal Chowk के बाजार का हाल

सेब का ठेला लगाने वाले युसुफ ने कहा कि यहां दुकानें बंद हैं तो क्या हुआ धंधा तो चालू है। यहां बरसों से हड़ताल और बंद के माहौल में दुकान कैसे चलानी है हम सीख गए हैं।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Thu, 29 Aug 2019 10:47 PM (IST) Updated:Fri, 30 Aug 2019 07:19 AM (IST)
Article 370: कश्मीर में कुछ इस तरह खोली जा रहीं दुकानें, जानें- क्या है Lal Chowk के बाजार का हाल
Article 370: कश्मीर में कुछ इस तरह खोली जा रहीं दुकानें, जानें- क्या है Lal Chowk के बाजार का हाल

नवीन नवाज, श्रीनगर। कश्मीर की धड़कन लाल चौक की सड़कों पर वाहनों और लोगों की आवाजाही है, लेकिन अधिकांश दुकानें बंद हैं। दुकानों के शटर पर पोस्टर चस्पा हैं। उनपर दुकानदारों के घर का पता और मोबाइल नंबर है। यानी जो सामान चाहिए फोन करो जरूर मिलेगा।

यह दुकानदार अलगाववादियों के समर्थक नहीं हैं, लेकिन उन्होंने शरारती तत्वों की तोड़फोड़ से बचने के लिए दुकानें बंद कर रखी हैं। मौजूदा समय में कश्मीर में शादियों का सीजन चल रहा है। कपड़ों से लेकर खाने-पीने की चीजों की जरूरत है। ऐसे में यह पोस्टर अलगाववादियों, आतंकियों और बंद समर्थकों को बता रहे हैं कि कश्मीरी व्यापारी और दुकानदार उनकी हड़ताली सियासत का समर्थक नहीं है बल्कि वे अपने तरीके से काम कर रहे हैं।

सेब का ठेला लगाने वाले युसुफ ने कहा कि यहां दुकानें बंद हैं तो क्या हुआ, धंधा तो चालू है। यहां बरसों से हड़ताल और बंद के माहौल में दुकान कैसे चलानी है, हम सीख गए हैं। उन्होंने कहा कि लोग बंद दुकानों के बाहर फोन नंबर और घर का पता लगाकर चले जाते हैं।

बंद दुकान से हो गई 40 हजार की खरीदारी
झेलम दरिया पर बने अमीराकदल पुल के पार स्थित गनीखान बाजार में भी विरानी है। अचानक एक गाड़ी से दो लोग निकले और तेजी से दुकानों का शटर उठाया। पीछे कुछ महिलाएं और बुजुर्ग भी दुकान में घुसे। आधा घंटा लोग दुकान में रहे और फिर हाथों में थैले लिए निकले। दुकानदार अल्ताफ जरगर ने कहा कि शटर पर पर्ची लगाकर रखी थी इसे पढ़कर यह लोग हमारे घर पहुंचे और फिर मैं यहां इनके साथ आया हूं। इनकी बेटी की शादी है। 40 हजार के कपड़े खरीदे हैं। कार में कपड़े रख रही नाजिमा ने कहा कि मेरी ही शादी रविवार को है। लहंगा चाहिए था, मुश्किल से मिला है। मां और बहन ने भी कुछ कपड़े लिए हैं।

दुकानों का समय बदला 
राजबाग, डलगेट, पोलो व्यू, बुलवर्ड रोड सहित कई प्रमुख जगहों पर पहले दुकानें सुबह नौ बजे खुलकर शाम को नौ बजे तक खुली रहती थी। अब सुबह छह बजे से दस बजे तक, फिर शाम को छह बजे खुलती है और रात साढ़े आठ बजे बंद हो जाती है। राजबाग में कपड़ों के शोरूम के मालिक जहूर बट ने कहा कि शादियों का सीजन है। डर है कि अगर दुकान खोलूं तो तोड़फोड़ शुरू नहीं हो जाए। मैं और मेरा बेटा शोरूम के पास मौजूद रहते हैं। जब कोई आकर पूछता है तो आधा शटर खोल जल्दी से सामान देते हैं।

पुलवामा से देर रात हो रही दूध की सप्लाई
श्रीनगर में बेकरी न खुलने के कारण कई जगह ब्रेड की थोड़ी कमी भले ही है लेकिन दूध की कहीं भी कमी नहीं है। पुलवामा में ग्रामीण दिन की बजाय रात में ही दूध भरकर श्रीनगर पहुंच रहे हैं। सुबह आठ बजने से पहले पुलवामा वापस चले जा रहे हैं। वहीं, फल और सब्जियों का भी अभाव नहीं है।

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