नए संसद भवन को लेकर अब एनडीए का पलटवार, कहा- विपक्षी दलों का फैसला लोकतंत्र की मूल आत्मा पर चोट

नए संसद भवन के उद्घाटन के बहिष्कार के एलान को लेकर एनडीए ने विपक्षी दलों को आड़े हाथ लिया है। एनडीए ने कहा कि हम एनडीए से जुड़े दल विपक्षी दलों द्वारा नये संसद भवन के उद्घाटन के विरोध के फैसले की घोर निंदा करते है।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Thu, 25 May 2023 12:32 PM (IST) Updated:Thu, 25 May 2023 12:32 PM (IST)
नए संसद भवन को लेकर अब एनडीए का पलटवार, कहा- विपक्षी दलों का फैसला लोकतंत्र की मूल आत्मा पर चोट
नए संसद भवन को लेकर अब एनडीए का पलटवार

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। नए संसद भवन को लेकर मची रार अभी थमी नहीं है। कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और टीएमसी समेत 20 विपक्षी दलों ने नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार करने का एलान किया है। विपक्षी दलों का कहना है कि नए संसद भवन का उद्घाटन पीएम मोदी के हाथों नहीं बल्कि राष्ट्रपति के द्वारा होना चाहिए।

एनडीए की विपक्ष को खरी-खरी

वहीं, विपक्षी दलों के आरोपों पर अब एनडीए ने पलटवार किया है। एनडीए की तरफ से एक बयान जारी किया गया है। इस बयान में विपक्षी दलों को खरी-खरी सुनाई गई है। बयान में कहा गया,

हम एनडीए से जुड़े दल विपक्षी दलों द्वारा नये संसद भवन के उद्घाटन के विरोध के फैसले की घोर निंदा करते है। यह सिर्फ अपमानजनक फैसला नहीं, बल्कि इस महान देश के लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक मान्यताओं पर हमला है। विपक्षी दलों द्वारा अनादर और अपमान, बौद्धिक दिवालियापन नहीं, बल्कि लोकतंत्र की मूल आत्मा और मर्यादा पर कुठाराघात है।

विपक्षी ने की नियमों की अवमानना

एनडीए ने पिछले नौ सालों में बार-बार हुए संसदीय नियमों की अवमानना के बारे में भी बताया। एनडीए ने कहा कि विपक्षी दलों ने बार-बार संसदीय प्रक्रियाओं-नियमों की अवमानना की है। कई बार सत्र को बाधित किया है। महत्वपूर्ण विधायी कामों के दौरान सदन का बहिष्कार किया है। बहिष्कार का फैसला लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की खुलेआम धज्जी उड़ाने की इसी कड़ी में आत्मघाती फैसला है।

बयान में आगे कहा गया

विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए उम्मीदवार के तौर पर द्रौपदी मुर्मु का विरोध किया था। उनकी उम्मीदवारी का कड़ा विरोध न केवल उनका अपमान था, बल्कि हमारे देश की अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का भी ये सीधा अपमान था।

इन नेताओं ने किये हस्ताक्षर

बयान से जुड़े पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, शिवसेना नेता और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, एनपीपी नेता और मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा, नगालैंड के मुख्यमंत्री और एनडीपीपी के नेफू रियो, सिक्किम के मुख्यमंत्री और एसकेएम नेता प्रेम सिंह तमांग, हरियाणा के डिप्टी सीएम और जननायक जनता पार्टी के नेता दुष्यंत चौटाला, आरएलजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस, रिपब्लिकन पार्टी के नेता और केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले, अपना दल (सोनेलाल) के नेता और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल शामिल हैं।

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