RSS ने दी इमरान खान को बधाई, कहा- दुनिया में संघ का यूं ही करते रहें प्रसार

सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल ने इमरान खान को बधाई देते हुए कहा कि हमारी शाखा दुनिया में कहीं नहीं लेकिन उन्‍होंने हमारा नाम ले लेकर विश्‍व को संघ से अवगत करा दिया है।

By Monika MinalEdited By: Publish:Sat, 28 Sep 2019 01:10 PM (IST) Updated:Sat, 28 Sep 2019 09:29 PM (IST)
RSS ने दी इमरान खान को बधाई, कहा- दुनिया में संघ का यूं ही करते रहें प्रसार
RSS ने दी इमरान खान को बधाई, कहा- दुनिया में संघ का यूं ही करते रहें प्रसार

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान हर मंच पर आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) के खिलाफ जहर उगल रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा में भी उन्होंने कई बार संघ का नाम लिया। इस पर पहली बार चुप्पी तोड़ते हुए संघ ने इमरान को करारा जवाब दिया है। सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल ने कहा कि बिना कुछ करे धरे ही वह (इमरान खान) विश्व में संघ का नाम पहुंचा रहे हैं। यह काम वह अच्छी तरह से कर रहे हैं। हम उन्हें बधाई देते हैं। भगवान से प्रार्थना करते हैं कि वे अपनी इस वाणी को विराम न दें, बोलते रहें।

वह क्‍यों नाराज हैं, वही बताएंगे

डॉ. कृष्ण गोपाल शनिवार को नेहरू मेमोरियल में पूर्व सिविल सेवा अधिकारी मंच द्वारा आयोजित पांचवीं वार्षिक व्याख्यानमाला को संबोधित करने आए थे। इससे इतर इमरान खान के तीखे बयानों के सवाल पर उन्होंने कहा, ज्ञात नहीं कि वह (इमरान खान) किसी स्वयंसेवक से मिले हैं या संघ से उनका पाला पड़ा है। ऐसे में वह क्यों नाराज हैं, वही बताएंगे। यहां तक की हमारा पाकिस्तान में काम भी नहीं है। हम सिर्फ भारत में ही काम करते हैं। हमारी कहीं और शाखा नहीं है। ऐसे में इमरान जब संघ पर हमलावर हैं तो इसका मतलब वह भारत से नाराज हैं।

हम भी यही चाहते थे कि दुनिया संघ और भारत को एक ही समझे, अलग-अलग न समझे। यह काम इमरान ने बड़े अच्छे तरीके से किया है। उनको हम बधाई दे रहे हैं। बिना कुछ करे धरे दुनिया में संघ को पहुंचा रहे हैं। डॉ. कृष्ण गोपाल ने कहा कि दुनिया में आतंकवाद से पीड़ि‍त और इसके विरोध में रहने वाले अनुभव करने लगे हैं कि संघ आतंकवाद के विरोध में तो है, तभी तो वह (इमरान खान) इतना विरोध कर रहे हैं। बिना कुछ किए प्रतिष्ठा मिल रही है। बहुत है।

जातिवाद पर किया कड़ा प्रहार

इसके पहले डॉ. कृष्ण गोपाल ने 'धर्म की ग्लानि' विषय पर बोलते हुए जाति प्रथा पर कड़ा प्रहार किया। कहा कि हमारी संस्कृति में जाति प्रथा नहीं थी। गुलामी के बाद मांस खाने वालों से धर्म को बचाने के लिए यह व्यवस्था आई। इसे आगे भी लागू रखा गया। यह धर्म की ग्लानि है। इसी तरह महिलाओं का उच्च स्थान था। वेद लिखने से लेकर पढ़ने और शास्त्रार्थ तक का उनको अधिकार था। पर्दा प्रथा गुलामी के दौर में आई।

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