Rajasthan Politics News: राज्यपाल ने सीएम गहलोत को विधानसभा सत्र बुलाने की दी अनुमति, सामने रखी ये शर्तें

Rajasthan Politics News राज्यपाल कलराज मिश्र ने अपने निर्देशों में कहा कि सरकार वर्तमान परिस्थितियों में 21 दिन की समय सीमा में सत्र आहूत करें।

By TaniskEdited By: Publish:Mon, 27 Jul 2020 08:36 AM (IST) Updated:Mon, 27 Jul 2020 07:34 PM (IST)
Rajasthan Politics News: राज्यपाल ने सीएम गहलोत को विधानसभा सत्र बुलाने की दी अनुमति, सामने रखी ये शर्तें
Rajasthan Politics News: राज्यपाल ने सीएम गहलोत को विधानसभा सत्र बुलाने की दी अनुमति, सामने रखी ये शर्तें

जयपुर, एजेंसियां। राजस्थान में जारी सियासी उठापटक के बीच राज्यपाल कलराज मिश्र ने राजस्थान सरकार को सशर्त विधानसभा सत्र बुलाने की अनुमति प्रदान की है। राज्यपाल कलराज मिश्र ने अपने निर्देशों में कहा कि सरकार वर्तमान परिस्थितियों में 21 दिन की समय सीमा में सत्र आहूत करें, जिससे कोरोना संक्रमण के चलते विधायकों को विधानसभा में आने से कोई परेशानी न हो। राज्यपाल ने कहा कि विधानसभा सत्र के दौरान शारीरिक दूरी का पूरा पालन करना होगा। इसके साथ राज्यपाल ने कहा कि सदन में बहुमत परीक्षण हो तो उसका टीवी में लाइव प्रसारण करना भी जरूरी है। राज्यपाल ने कई अन्य शर्तों का भी जिक्र किया है। मालूम हो कि गहलोत सरकार ने 31 जुलाई से सत्र को बुलाने की अनुमति मांगी है। 

विधानसभा सत्र को लेकर कांग्रेस नेताओं ने राज्यपाल को लिखा था पत्र

कांग्रेस के सलमान खुर्शीद, अश्वनी कुमार और कपिल सिब्बल ने राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र को विधानसभा सत्र बुलाने के प्रस्ताव पर पत्र लिखा था।

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सचिन पायलट खेमे के विधायक बोले, गहलोत के 10-15 विधायक हमारे संपर्क में

सचिन पायलट खेमे के विधायक का कहना है कि गहलोत खेमे के कई विधायक हमारे संपर्क में है। समाचार एजेंसी एएनआइ से हेमराम चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खेमे के 10-15 विधायक हमारे संपर्क में हैं और वो फ्री होते ही हमारी तरफ आएंगे। इसके साथ ही हेमराम चौधरी ने कहा कि अगर गहलोत प्रतिबंध हटाते हैं, तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि कितने विधायक उनके पक्ष में हैं।

देशभर में कांग्रेस का प्रदर्शन

राजस्थान में जारी सियासी लड़ाई के बीच कांग्रेस ने आज सभी राज्यों में राजभवन के बाहर प्रदर्शन किया। इस दौरान दिल्ली में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी की अगुवाई में प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया गया। समाचार एजेंसी पीटीआइ ने इसकी जानकारी दी। वहीं उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में राजभवन के बाहर प्रदर्शन के दौरान प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, पीएल पुनिया समेत कई कांग्रेसी नेताओं को हिरासत में ले लिया गया। इसके अलावा गुजरात में  लगभग 60 कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं को सोमवार को पुलिस ने हिरासत में लिया गया। इसमें गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष अमित चावड़ा और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता परेश धनानी भी शामिल हैं। बता दें कि भाजपा के खिलाफ पार्टी यह प्रदर्शन राजस्थान में गहलोत सरकार को गिराने की कथित साजिश को लेकर कर रही है।  

वहीं, दूसरी ओर राजस्थान में जारी सियासी लड़ाई के बीच बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के छह विधायकों के कांग्रेस में विलय के खिलाफ दायर याचिका खारिज हो गई। भाजपा विधायक मदन दिलावर ने यह याचिका दायर की थी। गौरतलब है कि सितंबर 2019 में बसपा के छह विधायक लाखन सिंह, जोगेंद्र अवाना, वाजिब अली, दीपचंद खेरिया, राजेंद्र गुढ़ा और संदीप कुमार कांग्रेस में शामिल हो गए थे।

इसे लेकर भाजपा विधायक मदन दिलावर ने अपने वकील आशीष शर्मा के माध्यम से विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष मार्च, 2020 में बसपा विधायकों के विलय के खिलाफ याचिका दायर की थी। जोशी ने इसे पहले ही खारिज कर दिया था। जानकारी के अनुसार दस्तावेजों की कमी को आधार बनाकर उन्होंने इस माह के शुरुआत में यह याचिका खारिज कर दी थी। दिलावर ने इस संबंध में दायर याचिका पर कार्रवाई नहीं होने को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। याचिका में विधानसभा अध्यक्ष, सचिव सहित बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए छह विधायक भी पक्षकार थे।

विधायकों को व्हिप जारी करने पर राजस्थान बसपा प्रमुख ने क्या कहा

समाचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार राजस्थान बसपा प्रमुख भगवान सिंह बाबा ने कहा कि विधायकों ने बसपा के टिकट पर चुनाव जीता है। इसलिए उन्हें व्हिप जारी किया गया है। विधायक कांग्रेस की गतिविधियों में शामिल नहीं हो सकते या उनके लिए वोट नहीं कर सकते। बसपा प्रमुख ने काफी विचार-विमर्श के बाद यह फैसला किया है। हम उनके निर्देश पर काम कर रहे हैं। छह विधायकों ने बसपा के टिकट पर चुनाव जीता था। सीएम अशोक गहलोत ने इन सभी को कांग्रेस में मिला लिया। राजस्थान में ऐसा पहली बार नहीं हुआ। इससे पहले यह 2008 में भी हुआ था।

राज्यपाल ने लौटाई विधानसभा सत्र बुलाने से संबंधित फाइल

राजस्थान राजभवन ने विधानसभा सत्र बुलाने से संबंधित फाइल राज्य के संसदीय कार्य विभाग को वापस कर दी है। राजभवन ने राज्य सरकार से कुछ अतिरिक्त विवरण भी मांगी है। विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। गौरतलब है कि गहलोत मंत्रिमंडल ने शनिवार को 31 जुलाई से विधानसभा का सत्र आहूत करने का नया प्रस्ताव राजभवन भेजा था। प्रस्ताव में राज्यपाल से आग्रह किया गया है कि सात दिन के नोटिस के साथ विधानसभा सत्र बुलाया जाए। कोरोना महामारी पर विशेष चर्चा और छह विधेयक पारित कराने को सत्र बुलाने का कारण बताया गया है। इसमें बहुमत साबित करने का जिक्र नहीं है।

व्हिप जारी करके बसपा ने कांग्रेस को दिया झटका

बसपा ने अपने विधायकों को व्हिप जारी करके कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। पार्टी ने अपने सभी छह विधायकों को व्हिप जारी करके कांग्रेस के विरोध में वोट देने को कहा है। इसकी एक प्रति राज्यपाल को भी सौंप दी है।समाचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार बसपा सुप्रीमो मायावती ने राज्य की मौजूदा स्थिति के बारे में एक प्रेस नोट जारी किया। उन्होंने कहा कि राज्य की मौजूदा स्थिति को देखते हुए राजस्थान में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए।

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