आखिर क्यों हो रही कर्नाटक सरकार के एक फैसले की तारीफ? 5000 से 25000 रुपये तक का मुआवजा
बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को रोकने के मकसद से देश में भले ही लॉकडाउन तीन लागू हो चुका है वहीं राज्य सरकारें भी अपनी ओर से इस दिशा में हर संभव प्रयास कर रही हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को रोकने के मकसद से देश में भले ही लॉकडाउन तीन लागू हो चुका है, वहीं, राज्य सरकारें भी अपनी ओर से इस दिशा में हर संभव प्रयास कर रही हैं। देशभर में फंसे प्रवासियों को अपने राज्यों में सुरक्षित पहुंचाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेंने चलाई जा रही हैं। किसानों, लघु, कुटीर एवं मध्यम उपक्रमों, हथकरघा बुनकरों, फूलों की खेती करने वालों, धोबियों, नाइयों, ऑटो और टैक्सी चालकों समेत अन्य को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकारें राहत पैकेज का ऐलान कर रही हैं।
इस शुरुआत की है कर्नाटक सरकार ने। कर्नाटक सरकार ने लॉकडाउन के कारण परेशान लोगों को राहत देने के लिए 1,610 करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया। इस पैकेज से किसानों, छोटे और मध्यम उद्यमों, हथकरघा बुनकरों, फूल उत्पादकों, धोबियों, नाइयों, ऑटो और टैक्सी चालकों को लाभ होगा। कर्नाटक के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने विभिन्न समुदाय वर्ग के लिए इस राहत पैकेज का ऐलान किया। मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि हमारी सरकार ने लगभग एक लाख लोगों को 3500 बसों और ट्रेनों से उनके घर वापस भेजा है। उन्होंने कहा, 'मैंने प्रवासी मजदूरों से कर्नाटक में ही रुकने की अपील की है क्योंकि निर्माण कार्य अब फिर से शुरू हो गया है।'
राहत पैकेज में किसे क्या मिलेगा?