जो बाइडन प्रशासन में भारत-अमेरिका के संबंधों का होगा और विस्तार : विदेश मंत्री एस जयशंकर

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत के लिए अनजान नहीं हैं अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन। उन्होंने कहा कि जो बाइडन भारत या दोनों देशों के संबंधों के लिए अनजान नहीं हैं।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Wed, 18 Nov 2020 07:33 AM (IST) Updated:Wed, 18 Nov 2020 07:33 AM (IST)
जो बाइडन प्रशासन में भारत-अमेरिका के संबंधों का होगा और विस्तार : विदेश मंत्री एस जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर का भारत-अमेरिका संबंधों पर बयान।(फोटो: पीटीआइ)

नई दिल्ली, प्रेट्र। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को भरोसा जताया कि जो बाइडन प्रशासन के दौरान भारत और अमेरिका के संबंध और व्यापक होंगे। जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों के संबंधों में जब आमूलचूल बदलाव की शुरुआत हुई थी, तब बाइडन उसका हिस्सा थे। जयशंकर ने कहा, 'उप राष्ट्रपति के तौर पर हमने उनके साथ काम किया है। मैं ओबामा प्रशासन के आखिरी समय में अमेरिका में भारत का राजदूत था। हम उन्हें तब से जानते हैं, जब वह सीनेट की विदेशी मामलों की समिति के सदस्य और फिर चेयरमैन रहे थे।'

विदेश मंत्री थिंक टैंक गेटवे हाउस की तरफ से आयोजित ऑनलाइन परिचर्चा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि जो बाइडन भारत या दोनों देशों के संबंधों के लिए अनजान नहीं हैं। उन्होंने कहा, 'मुझे पूरा भरोसा है कि हमने संबंधों को जहां छोड़ा था, वहां से उसे आगे लेकर जाएंगे। पिछली चार सरकारों में ऐसा ही होता आया है।'

भारत-चीन संबंधों में प्रगति के लिए सीमा पर शांति जरूरी

जयशंकर ने चीन को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि सीमा पर शांति व्यवस्था कायम रहेगी, तभी दोनों देशों के संबंधों में प्रगति होगी। पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ पिछले छह महीने से जारी तनाव को चिंता का कारण बताते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि विवाद को सुलझाने के लिए प्रयास चल रहे हैं।

जयशंकर ने कहा कि अगर वह परेशान हो जाता है, तो यह नहीं हो सकता है कि अगर घर की नींव फट जाती है या खंडित हो जाती है और शेष ढाचा वैसा ही रह जाता है। मुझे लगता है कि हम चीन के साथ तनावपूर्ण संबंधों के दौर से गुजर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेरी आशा है कि रिश्ते के उस छोर पर लोग जो कुछ भी हुआ है उसकी गंभीरता को समझते हैं। विदेश मंत्री ने कई समझौतों का भी उल्लेख किया, जिन पर दोनों देशों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ शांति और शांति सुनिश्चित करने के लिए हस्ताक्षर किए थे।

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