...जब कांग्रेस नेता ने कहा- मैं राहुल गांधी का गुलाम नहीं

पहले राहुल ने कहा कि पैराशूट नहीं चलेगा,बिलासपुर में क्या हुआ। पैराशूट को टिकट दे दिया गया है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Publish:Mon, 05 Nov 2018 09:54 AM (IST) Updated:Mon, 05 Nov 2018 09:54 AM (IST)
...जब  कांग्रेस नेता ने कहा- मैं राहुल गांधी का  गुलाम नहीं
...जब कांग्रेस नेता ने कहा- मैं राहुल गांधी का गुलाम नहीं

बिलासपुर( नईदुनिया प्रतिनिधि)। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में रविवार को कांग्रेस भवन में पार्टी के नेताओं और अनुषांगिक संगठनों के पदाधिकारियों की बैठक बुलाई गई थी। चुनाव जीतने के लिए कांग्रेसी मंत्र बताया जाता इसके पहले ही नेता आपस में भिड़ गए। हाल में महिला नेत्रियों की मौजूदगी के बीच वरिष्ठ कांग्रेसी नेता गाली-गलौज करने में लगे रहे। 

बैठक में पीसीसी महामंत्री अटल श्रीवास्तव के बोलने की बारी आई तो उन्होंने सीधे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल पर निशाना साध दिया। कहा कि हम राहुल और भूपेश बघेल के गुलाम नहीं हैं। मुझे इस बात को लेकर गुस्सा आता है कि बूथ स्तरीय कार्यकर्ताओं की बात नहीं मानी गई। जिसने आवेदन नहीं किया उनको टिकट दे दिया गया। पहले राहुल ने कहा कि पैराशूट नहीं चलेगा,बिलासपुर में क्या हुआ। पैराशूट को टिकट दे दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि लाठीचार्ज की घटना के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कांग्रेस भवन को पार्टी का पवित्र स्थान बताया था। इसी जगह पर दिग्गज कांग्रेसी नेताओं ने सारी मर्यादा को लांघ दिया है।

देखता हूं चुनाव कैसे जीतोगे

कांग्रेस भवन में चुनावी रणनीति बनाने के लिए आयोजित की गई बैठक में सभी दिग्गज कांग्रेसी नेता तय समय दोपहर 12 बजे पहुंच चुके थे। कांग्रेस प्रत्याशी शैलेष पांडेय के आने का इंतजार हो रहा था। पांडेय उस वक्त जनसंपर्क में व्यस्त थे। कांग्रेस भवन पहुंचे तो बातचीत के दौरान उन्होंने अशोक अग्रवाल से फोन नहीं उठाने की शिकायत की। इसी से शुरू हुआ बातचीत का सिलसिला विवाद में बदल गया। अग्रवाल तैश में आ गए और फिर दोनों के बीच जमकर विवाद हो गया। गाली-गलौज के बीच अग्रवाल ने पांडेय को चुनौती देते हुए कहा कि देखता हूं चुनाव कैसे जीतोगे।

राहुल गांधी के बनाएं फॉर्मूले की उड़ी धज्जियां

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने कई फॉर्मूले तय किए थे, लेकिन जब फैसले का समय आया तो कई सीटों पर उनकी धज्जियां उड़ गईं। सबसे अहम फॉर्मूला पांच हजार से कम अंतर से हारी सीटों पर उन्हीं प्रत्याशियों को मौका देने का था, लेकिन पहली सूची में शामिल ऐसी 18 सीटों में से छह के हारे उम्मीदवारों के टिकट काट दिए गए।

कांग्रेस ने प्रत्याशी चयन के लिए मानक तय किया था कि 2013 के विधानसभा चुनाव में जो प्रत्याशी पांच हजार से कम वोट के अंतर से हारे हैं उन्हें फिर से मौका दिया जाएगा। साथ ही राहुल गांधी ने कहा था कि टिकट वितरण में पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओं का ध्यान रखा जाएगा, पैराशूटर्स (दूसरे दलों से आने वाले नेताओं) को तरजीह नहीं दी जाएगी। हालांकि कांग्रेस ने शनिवार को 155 सीटों पर प्रत्याशियों की जो पहली सूची जारी की, उसमें इन दोनों ही फॉर्मूलों का ध्यान नहीं रखा गया। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, राज्य के सियासी धुरंधरों को अपने विश्वस्त लोगों की उम्मीदें पूरी करनी हैं। ऐसे में यह तो होना ही था।

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