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पत्नी सुनीता चुनाव लड़ेंगी या नहीं? अरविंद केजरीवाल ने कर दिया साफ, जानिए क्या है दिल्ली के सीएम का जवाब

मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने बुधवार को स्पष्ट किया कि उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल भविष्य में चुनाव नहीं लड़ेंगी। उन्होंने कहा कि सक्रिय राजनीति में सुनीता की कोई दिलचस्पी नहीं है। केजरीवाल ने कहा कि जब मुझे गिरफ्तार किया गया था तो सुनीता ने मेरे और दिल्ली वासियों के बीच एक सेतु का काम किया था।

By sanjeev Gupta Edited By: Geetarjun Published: Thu, 23 May 2024 12:11 AM (IST)Updated: Thu, 23 May 2024 12:11 AM (IST)
पत्नी सुनीता चुनाव लड़ेंगी या नहीं? अरविंद केजरीवाल ने कर दिया साफ।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने बुधवार को स्पष्ट किया कि उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल भविष्य में चुनाव नहीं लड़ेंगी। उन्होंने कहा कि सक्रिय राजनीति में सुनीता की कोई दिलचस्पी नहीं है।

केजरीवाल ने कहा कि जब मुझे गिरफ्तार किया गया था, तो सुनीता ने मेरे और दिल्ली वासियों के बीच एक सेतु का काम किया था। लेकिन यह अस्थायी था। यह पूछे जाने पर कि क्या आपके जेल में वापस जाने बाद सुनीता केजरीवाल अपना काम जारी रखेंगी।

जेल से सरकार चलाने की मांगेंगे इजाजत

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम जेल में सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे, ताकि मैं मुख्यमंत्री के रूप में अपना काम जारी रख सकूं।

पत्नी ने जीवन के हर पड़ाव पर दिया साथ

एक साक्षात्कार में केजरीवाल ने यह भी कहा, मेरे जीवन के हर पड़ाव पर सुनीता ने मेरा साथ दिया है। मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे उनके जैसा जीवन साथी मिला। मेरे जैसे सनकी व्यक्ति को बर्दाश्त करना आसान नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि उन पर लगे गंभीर आरोपों के बीच उनका परिवार किस दौर से गुजर रहा है। उन्होंने लोकसभा चुनावों में आईएनडीआई गठबंधन संभावनाओं पर भी राय रखी।

केजरीवाल ने यह भी कहा, "न्यायपालिका इस समय काफी दबाव में है। हर कोई जानता है कि वे अब कितने दबाव में काम कर रहे हैं।"

...तो न्याय अपने आप मिल जाएगा

यह पूछे जाने पर कि क्या उनका मतलब यह है कि गठबंधन की संभावित भावी सरकार भी उन्हें रिहा करने के लिए अदालतों पर दबाव बनाएगी? केजरीवाल ने जवाब दिया, "हम कोई दबाव नहीं डालेंगे, लेकिन अगर न्यायपालिका पर दबाव हटा दिया जाए तो न्याय स्वत: मिलना शुरू हो जाएगा।"


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