कांग्रेस नेता आनंद शर्मा बोले, सहकारी संघवाद के अपने मंत्र पर अमल करें पीएम मोदी

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व विदेश मंत्री आनंद शर्मा ने कोरोना महामारी के कहर के बीच केंद्र सरकार और राज्यों के बीच बढ़ते टकराव पर चिंता जाहिर करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सहकारी संघवाद के अपने वादे पर अमल करने का आग्रह किया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Tue, 25 May 2021 08:43 PM (IST) Updated:Tue, 25 May 2021 08:43 PM (IST)
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा बोले, सहकारी संघवाद के अपने मंत्र पर अमल करें पीएम मोदी
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व विदेश मंत्री आनंद शर्मा

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व विदेश मंत्री आनंद शर्मा ने कोरोना महामारी के कहर के बीच केंद्र सरकार और राज्यों के बीच बढ़ते टकराव पर चिंता जाहिर करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सहकारी संघवाद के अपने वादे पर अमल करने का आग्रह किया है। कोरोना वैक्सीन की उपलब्धता की कमी को लेकर उभरते मतभेद के मद्देनजर शर्मा ने प्रधानमंत्री से मुख्यमंत्रियों से सीधे बात कर समाधान निकालने की अपील करते हुए कहा कि केंद्र और राज्यों के बीच टकराव का रास्ता राष्ट्रीय हित को आहत करता है। कांग्रेस के असंतुष्ट समूह जी-23 के प्रमुख नेता आनंद शर्मा ने ट्वीट के जरिये जारी बयान में कहा कि महामारी के चलते देश के लोग व्यथित और निराश हैं और इस वक्त हमारे नागरिकों की जिंदगी किसी भी विषय से ज्यादा महत्वपूर्ण है। 

I urge PM to take the initiative for a dialogue with the Chief Ministers to confront this challenge. In a democracy differences in ideology will remain but these should not become personal. We must all stand united in this time of crisis. 9/9— Anand Sharma (@AnandSharmaINC) May 25, 2021

आनंद शर्मा ने केंद्र और राज्यों के बीच बढ़ते टकराव को बताया राष्ट्रीय हित के खिलाफ 

राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता शर्मा ने कहा कि लोकतंत्र की शक्ति सहयोग व संवाद है? और जिस तरह प्रधानमंत्री के पास देश के निर्वाचित नेता के रूप में जनादेश है। राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी उसी तरह संवैधानिक जनादेश मिला है? और उन्हें मान्यता दी जानी चाहिए। हमारे संघीय व्यवस्था में संविधान की भावना का सम्मान किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि केंद्र ने आपदा कानून के तहत जो निर्णय लिए हैं उसके बाद राज्यों पर दोष मढ़ना उचित नहीं है? क्योंकि राज्य इस समय शक्ति विहीन हैं। वैश्विक आपदा के समय में राज्यों को वैक्सीन आयात करने के लिए कैसे कहा जा सकता है्, आयात-निर्यात, सीमा शुल्क और व्यापार नीति केंद्रीय विषय हैं। वैक्सीन से जुड़ी किसी तरह की जवाबदेही से छूट मांग रही विदेशी कंपनियों को इसकी गारंटी केवल केंद्र सरकार ही दे सकती है। 

अधिक केंद्रीयकृत व्यवस्था के चलते हआ कुप्रबंधन

केंद्र के महामारी प्रबंधन पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि अधिक केंद्रीयकृत व्यवस्था के चलते कुप्रबंधन हुआ है। इसीलिए टीकाकरण अभियान चरमरा गया है। कोरोना महामारी के प्रबंधन और वैक्सीन की कमी को लेकर सरकार पर उठाए जा रहे सवालों को सही ठहराते हुए शर्मा ने कहा कि एक स्वस्थ लोकतंत्र में सवाल पूछे जाएंगे और सत्ता में बैठे लोगों को जवाबदेह बनाया जाएगा। वैज्ञानिकों और महामारी विशेषज्ञों की राय को अनदेखा करने में कोई समझदारी नहीं है।

कोरोना का सामुदायिक संक्रमण एक वास्तविकता है और हमारे गांवों में विकराल रूप लेती यह महामारी इसका सुबूत है। इसीलिए पीएम को मुख्यमंत्रियों को साथ लेकर इस चुनौती का एकजुट होकर मुकाबला करना चाहिए।

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