ओडिशा के नेताओं ने कोविड गाइडलाइन का उड़ाया माखौल
कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार की तरफ से बार-बार शारीरिक दूरी का अनुपालन करने की हिदायत दी जा रही है।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार की तरफ से बार-बार शारीरिक दूरी का अनुपालन करने की हिदायत दी जा रही है। बावजूद इसके सब कुछ जानते हुए भी शुक्रवार को ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में कांग्रेस एवं वामदलों के साथ 13 राजनीतिक दलों की ओर से आहूत विरोध-प्रदर्शन में कोविड गाइड लाइन नियम का माखौल उड़ाया गया और जुर्माना भरा गया। जिसकी चहुंओर निंदा हो रही है। लोगों का कहना है कि नियम का माखौल उड़ाते हुए 500 रुपये का चालान कटवाकर आम जनमानस के लिए गलत संदेश देने का काम किया है।
काबिलेगौर बात यह है कि प्रदर्शन के दौरान कोविड गाइड लाइन का उल्लंघन करने वालों में कोई छोटा नेता या कार्यकर्ता नहीं थे बल्कि पूर्व मंत्री तथा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष निरंजन पटनायक, आल इंडिया फारवर्ड ब्लाक के महासचिव ज्योति रंजन महापात्र, आम आदमी पार्टी के निशिकांत महापात्र, सीपीआइएम के अली किशोर पटनायक, सीपीआइ के आशीष कानूनगो एवं कांग्रेस के सांसद सप्तगिरी उलाका आदि नेता शामिल थे। जिनसे भुवनेश्वर कमिश्नरेट पुलिस ने पांच-पांच सौ रुपये का जुर्माना वसूल किया है।
कोरोना नियंत्रण में धांधली एवं जीवन जीविका सुरक्षा में सरकार पर विफलता का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को 13 राजनीतिक दलों भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, सीपीआइ, सीपीआइ (एम), सीपीआइ (एमएल) लिब्रेशन, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, आल इंडिया फारवर्ड ब्लाक, सीपीआइ (एमएल) रेड स्टार, राष्ट्रीय जनता दल, कलिग सेना, एनसीपी, बहुजन समाज पार्टी, समृद्ध ओड़िशा के नेता इस प्रदर्शन में शामिल हुए थे।
उल्लेखनीय है कि भुवनेश्वर मास्टर कैंटीन चौक पर राज्य एवं केंद्र सरकार की विफलता का बखान करने के लिए ये नेता एकत्र हुए थे मगर नियम का अनुपालन करना खुद की भूल गए। आरोप लगाया कि शारीरिक दूरी का नियम अनुपालन करवाने में सरकार फेल साबित हो रही है, मगर खुद ही इस नियम का उल्लंघन करते दिखे। अपनी इस गलती पर पर्दा डालते हुए कांग्रेस के प्रवक्ता निशिकांत मिश्र ने कहा कि ओडिशा में शारीकि दूरी का अनुपालन संभव नहीं है। जिसकी चारों तरफ आलोचना हो रही है। सोशल मीडिया में भी अब इन्हें ट्रोल किया जाने लगा है। कोरोना से मुकाबला करने का सबसे बड़ा हथियार जिसे माना गया है, राज्य कांग्रेस के नेता एवं कार्यकर्ता उसी हथियार को भूल गए और शारीरिक दूरी नियम की धज्जियां उड़ाने के बाद शान से जुर्माना भरते नजर आए, जिसमें खुद प्रदेश कांग्रेस के मुखिया भी शामिल थे। किसी के मुंह पर मास्क भी नहीं दिखा।