Social Media: PIB Fact Check पर अगले महीने अलग से परामर्श करेगी सरकार: केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर

चंद्रशेखर ने यह भी कहा कि डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट पर परामर्श समाप्त हो गया है और इसे अधिसूचना के लिए सरकार के दायरे में संसाधित किया जा रहा है। जबकि ऑनलाइन गेमिंग के लिए नियम बनाने के लिए परामर्श काफी हद तक चल रहा है।

By AgencyEdited By: Publish:Tue, 24 Jan 2023 05:34 PM (IST) Updated:Tue, 24 Jan 2023 05:34 PM (IST)
Social Media: PIB Fact Check पर अगले महीने अलग से परामर्श करेगी सरकार: केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर
फर्जी खबरों का निर्धारण केवल सरकार के हाथों में नहीं हो सकता है।

नई दिल्ली, पीटीआई। इंटरनेट मीडिया पर पुलिस फर्जी खबरों को लेकर अपनी शाखा पीआइबी को अधिकार देने की योजना बना रही है। जिस पर केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि सरकार प्रस्ताव को लागू करने से पहले अगले महीने हितधारकों के साथ चर्चा करेगी। मंत्री ने कहा कि आनलाइन गेमिंग को विनियमित करने के नियमों को 31 जनवरी तक अधिसूचित किए जाने की उम्मीद है, जिसके बाद इन्हें संसद में पेश किया जाएगा। 

ऑनलाइन गेमिंग के लिए नियम बनाने के पर काम कर रही सरकार 

आइटी नियम 2021 में प्रस्तावित संशोधन पर स्पष्टीकरण के बारे में पूछे जाने पर मंगलवार को चंद्रशेखर ने कहा कि अगले महीने की शुरुआत में पीआइबी पर अलग से परामर्श करेंगे।डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन एक्ट पर परामर्श समाप्त हो गया है और इसे अधिसूचना के लिए सरकार के दायरे में संसाधित किया जा रहा है। इलेक्ट्रानिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने पिछले सप्ताह मसौदा सूचना प्रौद्योगिकी नियम, 2021 में संशोधन जारी किया था, जिसे पहले सार्वजनिक परामर्श के लिए जारी किया गया था।

जबकि आनलाइन गेमिंग के संबंध में नियम बनाने के लिए परामर्श काफी हद तक चल रहा है। इसने पीआइबी या किसी भी सरकारी अधिकृत एजेंसी द्वारा झूठी, नकली या भ्रामक सामग्री को हटाने के लिए उचित कार्य चल रहा हैं।

प्रस्तावित संशोधन के तहत, बिचौलियों द्वारा उचित परिश्रम में पत्र सूचना ब्यूरो की फैक्ट चेक यूनिट द्वारा नकली या गलत के रूप में पहचानी गई जानकारी को अपलोड और साझा नहीं करने के ऐसे प्रयास शामिल होंगे, जो फर्जी सूचनाओं का स्वत: संज्ञान लेता है। नागरिकों द्वारा इसके पोर्टल पर या ई-मेल और व्हाट्सएप के माध्यम से भेजे गए प्रश्नों के माध्यम से और सरकार से संबंधित होने पर सही जानकारी के साथ प्रतिक्रिया करता है।

सूचना प्रौद्योगिकी (आइटी) नियमों के मसौदा संशोधन पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए एक बयान में कहा कि फर्जी खबरों का निर्धारण केवल सरकार के हाथों में नहीं हो सकता है और इसका परिणाम प्रेस की सेंसरशिप के रूप में होगा।

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