शांतिपूर्ण संपन्‍न हुआ त्रिशूरपूरम पर्व

सात दिन तक चलने वाले पूरम पर्व के शांतिपूर्ण समापन के लिए सख्‍त सुरक्षा और आपदा तैयारियां उपलब्‍ध करायी गयी थी।

By Monika minalEdited By: Publish:Mon, 18 Apr 2016 01:55 PM (IST) Updated:Mon, 18 Apr 2016 02:22 PM (IST)
शांतिपूर्ण संपन्‍न हुआ त्रिशूरपूरम पर्व

त्रिशूर। कोल्लम मंदिर दुर्घटना को ध्यान में रखते हुए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था और केरल हाई कोर्ट द्वारा जारी निर्देशों के बीच प्रसिद्ध त्रिशूर पूरम पर्व बिना किसी दुर्घटना के संपन्न हो गया। इस पर्व का मुख्य आकर्षण हाथियों का झुंड व पटाखे होते हैं।

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सात दिन तक चलने वाले पूरम पर्व के शांतिपूर्ण समापन के लिए सख्त सुरक्षा और आपदा तैयारियां उपलब्ध करायी गयी थी। आज दोपहर में परमेक्कावू व थिरुवमपडी देवी मंदिरों से मूर्तियों को अगले साल इसी मौके पर फिर मिलने के वादे के साथ विदाई दी गयी।

आपदा प्रबंधन अधिकारी ने कहा, कोल्लम मंदिर हादसे के बाद इस त्योहार के लिए इस वर्ष काफी भीड़ जमा हुई थी। जिला प्रशासन ने इस पर्व के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम किया। त्रिशूर व तिरुअनंतपुरम में उच्चअधिकारियों ने प्रतिदिन इस जगह के इवेंट को मॉनिटर किया।

परमेक्कावू के प्रेसिडेंट, के मनोहरन ने कहा, ‘ हम इस पर्व को कुछ समय से आयोजित कर रहे हैं। इसलिए इस जगह पर उचित व्यवस्था है। हमें यह पूरा विश्वास था कि हम गलत नहीं होंगे।‘ कोल्लम मंदिर के हादसे को नजर में रखते हुए पूरम के दौरान, केरल हाई कोर्ट ने कम आवाज वाले पटाखे चलाने की अनुमति दी थी। साथ ही यह भी आदेश था कि पटाखें में अनधिकृत रसायनों को उपयोग नहीं होगा और इसके आवाज की सीमा 125 डेसिबल से अधिक नहीं होगी।

भारी पड़ा कोल्लम पुलिस का फैसला बदलना

इसके पहले 10 अप्रैल को पटाखों की वजह से कोल्लम में प्रवूर के पुट्टिंगल मंदिर में आग लगने से 108 लोगों की मौत हो गयी और 300 से अधिक घायल हुए।

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