Move to Jagran APP

अवैध मदरसे में जन्नत जाने का पाठ… पड़ा छापा तो मच गई अफरा तफरी, बच्चों की बात सुन हर कोई रह गया हैरान

अवैध मदरसे में दीनी शिक्षा देकर उन्हें जन्नत जाने का पाठ पढ़ाया जा रहा था। शिकायत पर बुधवार को यहां से 24 बच्चों को उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम ने रेस्क्यू किया। 21 बच्चे बिहार के दरभंगा के हैं और तीन बच्चे मदरसा संचालक के थे। उन्हें सुपुर्द कर दिया गया और 21 बच्चों को बाल कल्याण परिषद के समक्ष पेश किया गया।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Published: Thu, 02 May 2024 12:30 AM (IST)Updated: Thu, 02 May 2024 12:30 AM (IST)
अवैध मदरसे में जन्नत जाने का पाठ… पड़ा छापा तो मच गई अफरा तफरी।

जागरण टीम, लखनऊ। आधुनिक शिक्षा देने के नाम संचालित अवैध मदरसे में दीनी शिक्षा देकर उन्हें जन्नत जाने का पाठ पढ़ाया जा रहा था। शिकायत पर बुधवार को यहां से 24 बच्चों को उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम ने रेस्क्यू किया। 

loksabha election banner

21 बच्चे बिहार के दरभंगा के हैं और तीन बच्चे मदरसा संचालक के थे। उन्हें सुपुर्द कर दिया गया और 21 बच्चों को बाल कल्याण परिषद के समक्ष पेश किया। सभी बच्चों के अभिभावकों को सूचित कर दिया गया। बच्चों को उनके हवाले किया जाएगा।

यह है पूरा मामला

दुबग्गा के अंधे की चौकी के लाल नगर खेड़ा में जमी आतुल कासिम अल इस्लामिया नाम से अवैध मदरसा संचालित था। बिना पंजीकरण के चल रहे मदरसे की स्थित और कार्य शैली पर ग्रामीणों को शक था। 

ग्रामीणों ने बाल संरक्षण आयोग को शिकायत की कि मदरसा में छोटे-छोटे बच्चों को रखा गया है और उन्हें दीनी शिक्षा के नाम पर जन्नत की शिक्षा देकर हाफिज बनाया जा रहा है। दो कमरों में संचालित मदरसे में मूलभूत सुविधाएं भी नहीं हैं।

मदरसे में मच गई अफरा तफरी

शाम को बाल आयोग की टीम ने पुलिस बल के साथ जैसे ही छापा मारा, मदरसे में अफरा तफरी मच गई। बाल आयोग की टीम ने दो कमरे में मदरसा संचालित पाया । दो कमरों में 24 बच्चे रह रहे थे । 21 बच्चों को मुक्त करा कर बाल संरक्षण आयोग भेजा गया और तीन बच्चे मदरसा संचालक मौलाना इरफान व सैफुल्लाह के थे, जिन्हें मौलाना को सौंप दिया गया। 

दोनों संचालक बिहार के दरभंगा के गयारी थाना बिरौल के रहने वाले हैं और वहीं से बच्चों के माता-पिता से समझाकर यहां शिक्षा के नाम पर कुछ और ही पढ़ा रहे थे। इरफान लाल नगर खेड़ा में किराए मकान मालिक आजमगढ़ के दरियापुर गांव निवासी जीशान के साथ मदरसा चला रहे थे।

बच्चे बोले- हाफिज से मिलेगी जन्नत

छह साल से 15 साल की उम्र के बच्चों को यहां हाफिज बनाकर जन्नत का रास्ता बताया जा रहा था। उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ. शुचिता चतुर्वेदी ने बताया कि बच्चों से बातचीत की गई तो सभी ने चौंकाने वाली बात बताई। 

बच्चों ने बताया कि मौलवी साहब बताते हैं कि जब मृत्यु होती है तो हाफिज की शिक्षा लेने वाले सीधे जन्नत में जाते हैं। इसलिए हम लोग यही पढ़ाई पढ़ रहे हैं। बच्चों ने खाने के साथ ही रहने की अव्यवस्था को भी विस्तार से बताया। हिंदी का कोई अध्यापक नहीं था। किसी को प्रारंभिक अक्षरों का ज्ञान नहीं था, लेकिन जन्नत जाने की शिक्षा उनके दिमाग में घर कर गई है। सभी को उनके माता-पिता के सुपुर्द किया जाएगा। 

यूपी बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन एक्ट-2004 का उद्देश्य शैक्षिणक गुणवत्ता में सुधार व आधुनिक शिक्षा प्रणाली से जोड़ना था, लेकिन यहां कुछ और ही हो रहा था। इससे पहले भी गोरखपुर, प्रयागराज में ऐसे बच्चों को रेस्क्यू किया गया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.