काला धन रखने वालों की संपत्ति जब्ती की तैयारी

विदेश में जमा काला धन वापस लाने के लिए सरकार आयकर और मनी लांड्रिंग कानून में संशोधन करेगी। वित्त मंत्री अरुण जेटली का कहना है कि यह संशोधन होने के बाद विदेश में काला धन रखने वाले लोगों की संपत्ति को जब्त करना संभव होगा।

By manoj yadavEdited By: Publish:Thu, 27 Nov 2014 09:51 PM (IST) Updated:Fri, 28 Nov 2014 07:34 AM (IST)
काला धन रखने वालों की संपत्ति जब्ती की तैयारी

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। विदेश में जमा काला धन वापस लाने के लिए सरकार आयकर और मनी लांड्रिंग कानून में संशोधन करेगी। वित्त मंत्री अरुण जेटली का कहना है कि यह संशोधन होने के बाद विदेश में काला धन रखने वाले लोगों की संपत्ति को जब्त करना संभव होगा। वित्त मंत्री का यह भी कहना है कि जेनेवा के एचएसबीसी बैंक में खाता रखने वाले 627 लोगों की सूची में से 427 की पहचान कर उन्हें नोटिस भेजे जा चुके हैं। इनके खिलाफ हर हफ्ते फौजदारी मुकदमे दर्ज हो रहे हैं। मार्च, 2015 तक इस सूची में शामिल खाताधारकों की जांच पूरी हो जाएगी।

काला धन वापस लाने के लिए मजबूर होंगे

लोक सभा में नियम 193 के तहत काले धन पर चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने विपक्ष को आड़े हाथ लिया। सियासी लहजे और हिंदी भाषा में दिए अपने भाषण में जेटली ने कई बार कांग्रेस पार्टी पर कटाक्ष किया। जेटली ने आक्रामक अंदाज में कहा कि भले ही 100 दिन, 500 दिन या 1000 दिन लगें। कितना भी वक्त लग जाए, लेकिन जब तक हम आखिरी खाताधारक को नहीं पकड़ लेंगे तब तक हम इसे नहीं छोड़ेंगे। विदेश में काला धन रखने वाले शीघ्र ही पैसा वापस देश में लाने को मजबूर होंगे।

नाम सार्वजनिक करने की मांग काला रखने वालों की मदद करने जैसा

जेटली ने कहा कि सरकार को नाम का खुलासा करने में कोई दिक्कत नहीं है लेकिन जो लोग नाम सार्वजनिक करने की मांग कर रहे हैं वे अंतत: कालाधन रखने वालों की मदद ही कर रहे हैं।

खड़गे पर कटाक्ष

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे पर कटाक्ष करते हुए जेटली ने कहा कि स्वाभाविक है कि खड़गे को राजनीतिक पक्ष रखना था। जनता ने जिन लोगों के चुनावी भाषण सुनकर मदद नहीं की, वे लोग अपने अधूरे भाषण सदन में पूरे करते हैं। पूर्ववर्ती संप्रग सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद एसआइटी नहीं बनाई क्योंकि उसकी नीयत एसआइटी बनाने की नहीं थी। वहीं राजग सरकार ने 26 मई को सरकार बनने के बाद 29 मई को पहली कैबिनेट बैठक में ही एसआइटी का गठन कर दिया और विदेशी बैंकों में खाताधारकों के नाम तथा अन्य सभी तरह की जानकारी तीन सप्ताह के भीतर एसआइटी को सौंप दी।

तृणमूल और कांग्रेस का वाकआउट

इसी बीच तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने वित्त मंत्री के जवाब से असंतुष्टि जताते हुए सदन से वाकआउट किया। तृणमूल सदस्य जब उठकर चलने लगे तो कांग्रेस नेता खड़गे भी अपनी जगह खड़े हो गए। जेटली ने खड़गे पर पुन: कटाक्ष किया कि वह वाकआउट कर रहे हैं या सदन में बैठ रहे हैं? इस पर खड़़गे ने सरकार से पूछा कि 100 दिन के भीतर कालाधन वापस लाकर प्रत्येक भारतीय के बैंक खाते में 15 लाख रुपये डालने के वादा का क्या हुआ? यह कहते हुए खड़गे ने वित्त मंत्री का जवाब सुने बगैर अन्य कांग्रेसी सदस्यों के साथ वाकआउट किया। वापदलों के सदस्य भी उनके साथ सदन से बाहर चले गए।

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