कोयंबटूर: अस्‍पताल में टॉयलेट के वेंटिलेटर को तोड़ फरार हुआ कैदी, पॉक्‍सो एक्‍ट के तहत है दोषी

दुष्‍कर्म का दोषी कोयंबटूर के अस्‍पताल में इलाज के लिए भर्ती था। इस क्रम में वह टॉयलेट के वेंटिलेटर से भागने में सफल हो गया। तलाश जारी है।

By Monika MinalEdited By: Publish:Thu, 13 Feb 2020 03:49 PM (IST) Updated:Thu, 13 Feb 2020 03:49 PM (IST)
कोयंबटूर: अस्‍पताल में टॉयलेट के वेंटिलेटर को तोड़ फरार हुआ कैदी, पॉक्‍सो एक्‍ट के तहत है दोषी
कोयंबटूर: अस्‍पताल में टॉयलेट के वेंटिलेटर को तोड़ फरार हुआ कैदी, पॉक्‍सो एक्‍ट के तहत है दोषी

कोयंबटूर, प्रेट्र। पॉक्‍सो एक्‍ट  (POCSO ACT) के तहत गिरफ्तार एक शख्‍स कोयंबटूर के सरकारी अस्‍पताल में इलाज के लिए भर्ती था और मौका पाते ही गुरुवार की सुबह टॉयलेट के वेंटिलेटर से फरार हो गया। इस बात की जानकारी पुलिस ने दी।

तिरुपुर जिले के करीब धारापुरम निवासी 31 वर्षीय सुब्रमणी को पिछले साल सितंबर में गिरफ्तार किया गया था। उसपर नाबालिग लड़की के साथ यौन शोषण का आरोप है। गिरफ्तारी के बाद उसे कोयंबटूर के सेंट्रल जेल में रखा गया। कंस्‍ट्रक्‍शन वर्कर सुब्रमणी Goondas Act के तहत भी दोषी है। एक सप्‍ताह पहले छाती में दर्द की शिकायत के बाद उसे अस्‍पताल के कैदियों वाले वार्ड में भर्ती किया गया था। सुबह के 4 बजे सुब्रमणी टॉयलेट गया तो वापस नहीं लौटा। अन्‍य कैदियों द्वारा गार्ड को सूचित किया गया कि टॉयलेट अंदर से लॉक है तब पुलिस ने दरवाजा तोड़ा और मामला समझते देर न लगी। पुलिस ने बताया कि टॉयलेट का दरवाजा तोड़ने के बाद पता चला कि कैदी वेंटीलेटर तोड़ वहां से फरार हो गया है। फरार कैदी की तलाश जारी है।

इस तरह का एक मामला मुंबई के जेल में बीते 10 फरवरी को हुआ। दरअसल, जेल में हत्‍या व दुष्‍कर्म समेत अन्‍य मामलों में कैद 5 अपराधियों ने एक साथ मिलकर जेल की मजबूत दीवार को तोड़ दिया व अंधेरे का फायदा उठा फरार हो गए। कैदियों की तलाश जारी है।

पॉक्‍सो एक्‍ट को जानें

प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रेन फ्राम सेक्सुअल अफेंसेस एक्ट 2012 यानि पॉक्‍सो एक्‍ट वर्ष 2012 में बनाया गया। लैंगिक उत्पीड़न से बच्चों के संरक्षण का यह एक्‍ट नाबालिग बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराध और छेड़छाड़ के मामलों में कार्रवाई करता है। इसके तहत अलग-अलग अपराध के लिए अलग-अलग सजा निर्धारित की गई है। इसका सख्‍ती से पालन सुनिश्चित किया गया है। इसके तहत बच्चे के साथ दुष्कर्म और शोषण मामले में सात साल सजा से लेकर उम्रकैद और अर्थदंड भी लगाया जा सकता है।

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