लोको शेड भुसावल ने बनाई डिसइंफेक्‍शन टनेल, तीन से पांच सेकेंड में व्‍यक्ति को कर देगी सेनेटाइज

लोको शेड भुसावल ने ऐसी डिसइंफेक्‍शन टनेल बनाई है जिसके भीतर जाकर कोई भी शख्‍स तीन से पांच सेकेंड में खुद को सेनेटाइज कर सकता है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Mon, 06 Apr 2020 07:40 PM (IST) Updated:Mon, 06 Apr 2020 07:45 PM (IST)
लोको शेड भुसावल ने बनाई डिसइंफेक्‍शन टनेल, तीन से पांच सेकेंड में व्‍यक्ति को कर देगी सेनेटाइज
लोको शेड भुसावल ने बनाई डिसइंफेक्‍शन टनेल, तीन से पांच सेकेंड में व्‍यक्ति को कर देगी सेनेटाइज

नई दिल्‍ली, जेएनएन। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में तरह तरह के प्रयोग आजमाए जा रहे हैं। सेनेटाइजेशन को लेकर संगठनों के स्‍तर पर भी कोशिशें की जा रही हैं। इन्‍हीं कोशिशों के अंतर्गत लोको शेड भुसावल (Loco Shed , Bhusaval) ने भी एक सकारात्‍मक पहल की है। लोको शेड ने एक ऐसी डिसइंफेक्‍शन टनेल (Disinfection Tunnel) विकसित की है जिसमें जाकर खुद को सेनेटाइज किया जा सकता है।

Loco Shed Bhusaval developed a Disinfection Tunnel to fight COVID19 pic.twitter.com/19QfbcdVyf— Krishna Bihari Singh (@KrishnaBihariS2) April 6, 2020

प्राप्‍त जानकारी के मुताबिक, 150cm×150cm×220cm के आकार की इस टनेल में कई सेट नोजेल फ‍िट किए गए हैं। एक सेट में तीन नोजेल हैं, जिनसे सोडियम हाइपोक्लोराइट के घोल (sodium hypochlorite solution) का छिड़काव होता है। खुद को सेनेटाइज करने के लिए व्‍यक्ति को तीन से पांच सेकेंड तक टनेल में रुकना होता है। यह घोल (sodium hypochlorite solution) वायरस को मारने के लिए काफी प्रभावी है।

इन टनेल की कीमत लगभग 10 हजार रुपए बैठती है। इस मशीन की क्षमता 500 लीटर की है जो 16 घंटे तक लोगों को सशरीर सेनेटाइज करने का काम करती है। मशीन में सोडियम हाइपोक्लोराइट के घोल (sodium hypochlorite solution) की रिफ‍ीलिंग एक दिन में एकबार होती है। ऐसे में जब कोरोना वायरस देश में अपना प्रकोप बड़े पैमाने पर दिखाने लगा है ऐसे में यह मशीन लोगों के लिए काफी कारगर साबित हो सकती है।

उल्‍लेखनीय है कि भारत में बीते 24 घंटे में कोरोना वायरस के 704 मामले सामने आए हैं जबकि 28 लोगों की इस दौरान मौत हो चुकी है। भारत में कोरोना वायरस के कुल मामलों की संख्‍या 4281 हो गई है। केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय (Ministry of Health and Family Welfare) के मुताबिक, इनमें 3851 सक्रिय मामले 111 मौतें भी शामिल हैं जबकि 318 लोग पूरी तरह से ठीक भी हो चुके हैं। 

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