Padma Awards 2023: सांप पकड़ने वालों से लेकर डॉक्टर तक, पद्म पुरस्कार पाने वाले देश के गुमनाम नायक

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों का एलान किया गया। 2023 के लिए राष्ट्रपति ने कुल 106 पद्म पुरस्कारों को प्रदान करने की मंजूरी दी है। सूची में छह पद्म विभूषण नौ पद्म भूषण और 91 पद्म श्री शामिल हैं।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Thu, 26 Jan 2023 08:42 PM (IST) Updated:Thu, 26 Jan 2023 08:42 PM (IST)
Padma Awards 2023: सांप पकड़ने वालों से लेकर डॉक्टर तक, पद्म पुरस्कार पाने वाले देश के गुमनाम नायक
सांप पकड़ने वालों से लेकर डॉक्टर तक, पद्म पुरस्कार पाने वाले देश के गुमनाम नायक।

नई दिल्ली, पीटीआई। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों का एलान किया गया। 2023 के लिए राष्ट्रपति ने कुल 106 पद्म पुरस्कारों को प्रदान करने की मंजूरी दी है। सूची में छह पद्म विभूषण, नौ पद्म भूषण और 91 पद्म श्री शामिल हैं। पुरस्कार पाने वालों में से कई गुमनाम नायक हैं, जो चुपचाप समाज और लोगों की भलाई के लिए काम कर रहे हैं, जिन्हें नरेन्द्र मोदी सरकार 2014 में सत्ता में आने के बाद से सम्मानित कर रही है।

इस बार कई ऐसे गुमनाम हीरो को पद्म पुरस्कार देने की घोषणा की गई, जिनको बहुत कम ही लोग जानते होंगे। आइए जानते हैं कि ये कैसे अपने कार्यों से यह उपलब्धि हासिल की। प्रसिद्ध चिकित्सक दिलीप महालनाबिस पद्म विभूषणपश्चिम बंगाल के प्रसिद्ध चिकित्सक दिलीप महालनाबिस को मरणोपरांत पद्म विभूषण के लिए चुना गया है। उन्हें ओरल रिहाइड्रेशन थेरेपी के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए जाना जाता है। वह 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के समय चर्चा में आए थे। जब बनगांव में बांग्लादेशी नागरिकों के शरणार्थी कैंप में हैजा की बीमारी फैल गई थी।

जारवा जनजाति को विलुप्त होने से बचाने वाले रतन चंद्र को पद्मश्री

डा रतन चंद्र कार को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। उन्हें अंडमान की जारवा जनजाति को विलुप्त होने से बचाने का श्रेय दिया जाता है। 1998 में जब इस द्वीप में खसरा का प्रकोप फैला था तब डॉ. रतन चंद्र कार ने इस चुनौती को स्वीकार कर वहां के लोगों का इलाज किया था।

सिद्दी जनजाति की बेहतरी के लिए हीराबाई को पद्म श्री

गुजरात की सामाजिक कार्यकर्ता हीराबाई लोबी को भी पद्म श्री से सम्मानित किया जाएगा। गुजरात के सिद्दी समुदाय की बेहतरी के लिए हीराबाई ने अपना जीवन समर्पित कर दिया। सिद्दी आदिवासी सामाजिक कार्यकर्ता हीराबाई ने खुद के द्वारा स्थापित बालवाड़ी के माध्यम से सिद्दी जनजाति के बच्चों को शिक्षा प्रदान की। गरीबों के इलाज के लिए डा. मुनीश्वर को पद्म श्रीमुनीश्वर चंदर डावर को पद्म श्री देने की घोषणा की गई है। जबलपुर के रहने वाले पूर्व सैनिक और पेशे से डाक्टर 76 वर्षीय मुनीश्वर पिछले 50 साल से गरीब लोगों का इलाज करते आ रहे हैं। 20 रुपये की सस्ती कीमत पर समाज के गरीब और कमजोर वर्गों का निस्वार्थ इलाज करते हैं।

सांप पकड़ने में माहिर दो दोस्तों को पद्म श्री पुरस्कार

पद्म श्री के लिए चुने गए लोगों में सांप पकड़ने वाले मासी सदाइयां और गोपाल भी शामिल हैं। तमिलनाडु निवासी दोनों दोस्त हैं। इन्होंने दुनियाभर के कई देशों में सांप पकड़ने गए हैं। वे सांप पकड़ने के लिए पुर्वजों से विरासत में मिली पुरानी व स्वदेशी तकनीकों का उपयोग करते हैं।

जैविक खेती के लिए नेकराम शर्मा को पद्मश्री

कृषि क्षेत्र में विशिष्ट सेवा के लिए हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के नेकराम शर्मा पद्मश्री पुरस्कार के लिए चुने गए हैं। नेकराम शर्मा जैविक खेती से जुड़े हैं। वह नौ अनाज की पारंपरिक फसल प्रणाली को पुनर्जीवित कर रहे हैं। नौ खाद्यान्न बिना किसी रासायनिक उपयोग के जमीन के एक ही टुकड़े पर उगाए जाते हैं।

बिहार के कपिल देव प्रसाद को बुनकर कला के क्षेत्र में पद्मश्री

बिहार के नालंदा जिले के रहने वाले कपिल देव प्रसाद को बावन बूटी के लिए पद्मश्री मिला है। बावन बूटी एक तरह की बुनकर कला है। सूती या तसर के कपड़े पर हाथ से एक जैसी 52 बूटियां यानी मौटिफ टांके जाने के कारण इसे बावन बूटी कहा जाता है। बूटियों में बौद्ध धर्म-संस्कृति के प्रतीक चिह्नों की बहुत बारीक कारीगरी होती है।

नाट्य नाच के नायक डोमर सिंह कुंवर को पद्मश्री

छत्तीसगढ़ी नाट्य नाचा कलाकार डोमर सिंह कुंवर को कला (नृत्य) के क्षेत्र में पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा। वह पिछले पांच दशकों से नाच की परंपरा को जीवित रखा है। डोमर 13 बोली या भाषाओं में नाटक करते हैं और देशभर में अपने नाटकों की पांच हजार से अधिक प्रस्तुति दे चुके हैं। वह नाटकों के जरिए अंधविश्वास और बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीतियों को लेकर लोगों को जागरूक करते हैं।

सरिंदा के सरताज मंगला कांति को पद्मश्री

पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी के 102 वर्षीय सरिंदा वादक मंगला कांति राय को कला (लोक संगीत) के क्षेत्र में पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा। वह सरिंदा के जरिए पक्षियों की अनोखी आवाज निकालने के लिए प्रसिद्ध हैं। यह पिछले 8 दशक संरिदा वाद्ययंत्र को संरक्षित करने के साथ ही बढ़ावा दे रहे हैं।

कलमकारी आर्टिस्ट भानुभाई चितारा को पद्मश्री

गुजरात के चुनार समुदाय के कलमकारी आर्टिस्ट भानुभाई चितारा को 400 साल पुरानी माता नी पछेड़ी पारंपरिक शिल्प की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा। चितारा को कला (पेंटिंग) के क्षेत्र में यह सम्मान मिला।

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