जानिए, कैसा रहा प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी का चुनावी सफर

पीएम मोदी ने सत्ता में आने के बाद जिस तरह से धड़ाधड़ चुनावी यात्राएं की, उसका असर राज्य चुनावों पर साफ दिखा। नतीजों से साफ है कि पीएम मोदी का जलवा अब भी बरकरार है।

By Atul GuptaEdited By: Publish:Thu, 26 May 2016 02:04 AM (IST) Updated:Thu, 26 May 2016 08:10 AM (IST)
जानिए, कैसा रहा प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी का चुनावी सफर

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। प्रधानमंत्री मोदी ने 26 मई को सत्ता में आने के बाद जिस तरह से धड़ाधड़ चुनावी यात्राएं की, उसका असर राज्य चुनावों पर साफ दिखा। लोकसभा चुनाव जीतने के बाद भाजपा दिल्ली व बिहार जरूर हारी, लेकिन जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, महाराष्ट्र व झारखंड में वापसी करके अपना लोहा मनवा लिया। साथ ही पार्टी 19 मई को आए पांच राज्यों के चुनाव के परिणामों में भी असम में अपना परचम लहराने में कामयाब रही। हालाकि कई बार पीएम मोदी का जादू नहीं चल पाया, जिसके चलते बिहार और दिल्ली जैसे राज्यों में भाजपा का सरकार बनाने का सपना मात्र सपना भर रह गया।

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जानिए प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी की चुनावी यात्राओं का राज्यों के विभानसभा चुनावों पर कैसा असर पड़ा -

झारखंड चुनाव

भाजपा की लोकसभा जीत का जोरदार असर झारखंड से दिखना शुरु हो गया। भाजपा ने यहां 43 सीटें जीतकर सरकार बनाई। राज्य से भाजपा का चेहरा रहे रघुबर दास यहां से मुख्यमंत्री बनाए गए।

हरियाणा चुनाव

हरियाणा विभानसभा चुनाव की 90 सीटों का परिणाम 19 अक्टूबर 2014 को आया था, जिसमें पीएम मोदी की चुनावी रैलियों व भाषणों का खासा असर देखने को मिला। भाजपा ने राज्य में 47 सीटों पर जीत दर्ज करते हुए सरकार बना ली। भाजपा की तरफ से मनोहर लाल खट्टर को सीएम बनाया गया।

महाराष्ट्र चुनाव

पीएम मोदी की चुनावी यात्राओं का असली जलवा महाराष्ट्र विभानसभा चुनाव में दिखा। चुनाव परिणामों में भाजपा ने 122 सीटों पर शानदार जीत दर्ज की। भाजपा की तरफ से देवेंद्र फडणवीस को राज्य का सीएम नियुक्त किया गया।

दिल्ली चुनाव

केंद्र में सत्तासीन होने के बाद पीएम मोदी की सियासी रणनीति की परीक्षा दिल्ली विधानसभा चुनाव में थी। मोदी ने दिल्ली में एक के बाद एक कई रैलियां करी और सीधे निशाने पर अरविंद केजरीवाल और काग्रेस को लिया। इसी दौरान पार्टी में शामिल हुईं पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी सीएम पद की प्रत्याशी बन गईं। पार्टी को लगा कि किरण बेदी का साफ-सुथरा चेहरा उसकी सियासी नैया को पार लगा देगा, लेकिन दिल्ली के मतदाताओं ने किरण बेदी को सिरे से नकार दिया। पार्टी के रणनीतिकारों को यह बात समझ नहीं आई और चुनावों में बुरी तरह पराजय झेलनी पड़ी।

बिहार चुनाव

बिहार चुनाव की घोषणा के बाद पीएम मोदी ने एक के बाद एक बिहार के कई चुनावी यात्राएं की। लेकिन बिहार में कोई चेहरा न होने के कारण भाजपा की राह आसान नहीं थी। पार्टी रणनीतिकारों का मत था कि राम विलास पासवान के दलित और उपेंद्र कुशवाहा के पिछड़े वोटरों के दम पर वह सियासी किला फतह कर लेंगे। लेकिन क्षेत्रीय स्तर पर पकड़ बनाने में कमजोर रही पार्टी को हार का सामना करना पड़ा।

कश्मीर चुनाव

जम्मू-कश्मीर चुनाव में पीएम मोदी के भरसक प्रयासों का असर साफ देखने को मिला। भाजपा राज्य में 25 सीटें जीतने में कामयाब रही। हालाकि भाजपा का प्रयास यंहा भी बहुमत के साथ आना था। लेकिन घाटी क्षेत्र में वोटरों की कमी के कारण सीटें निकालनें में सफलता हासिल नहीं हुई। लिहाजा भाजपा ने पीडीपी के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई।

असम चुनाव

असम चुनाव में भाजपा ने 60 सीटों के साथ बढ़त हासिल की और सरकार बनाने में कामयाब रही। मोदी ने अपनी रैलियों के समय पहले ही कह दिया था कि सीएम पद के प्रत्याशी सर्बानंद सोनोवाल को यहां की जनता ने अपना लिया है। लिहाजा परिणाम आने के बाद भाजपा में खुशी की लहर छा गई। जीत के बाद सर्बानंद सोनोवाल को राज्य का नया सीएन नियुक्त कर दिया गया।

पश्चिम बंगाल

पीएम मोदी व पार्टी शीर्ष नेताओं की रैलियों के बाद भी पश्चिम बंगाल चुनाव में भाजपा को कोई खास प्रभाव नहीं मिला। हालाकि भाजपा का प्रदर्शन राज्य में सुधरता नजर आया। पार्टी ने 3 सीटें जीती।

तमिलनाडु चुनाव

तमिलनाडु विभानसभा में भाजपा को एक भी सीट नहीं मिली। तमिलनाडु में जयललिता की एआईएडीमके ने 134 सीटों पर जीत के साथ चुनाव जीता। जीत के साथ जयललिता ने डीएमके के करुणानिधी के राजनीतिक भविष्य पर भी पूर्ण विराम लगा दिया।

केरल चुनाव

पीएम मोदी की सभाओं का राज्य चुनाव पर खासा असर दिखा। भाजपा ने यहां एक सीट के साथ खाता खोला। दक्षिण के राज्यों में भाजपा की स्थिती पहले काफी मजबूत हुई।

पुड्डुचेरी चुनाव

पुड्डुचेरी में भी पार्टी खाता नहीं खोल सकी। यहां कांगेस ने 15 सीटों के साथ जीत दर्ज की।
19 मई को पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजों ने तस्वीर को लगभग पूरा साफ कर दिया है। पीएम मोदी की चुनावी रैलियों ने पार्टी को काग्रेस मुक्त भारत की ओर एक कदम और बढ़ा दिया है। परिणामों में भाजपा ने उत्तर-पूर्व के राज्यों में पहली बार अपनी सरकार बनाई है। असम जीत पर पीएम मोदी ने कहा कि ‘जनता ने भाजपा को स्वीकारना शुरु कर दिया हैा। असम की जीत जम्मू कश्मीर की जीत जैसी ही है।‘ जबकि दूसरे राज्यों यानि तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल व पुड्डुचेरी में भी भाजपा का प्रदर्शन सुधरता दिखाई दे रहा है।

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