समाचार और विचार को अलग रखना जरूरी: जेटली

वित्त और सूचना व प्रसारण मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि इन दिनों मीडिया में समाचार और विचार के बीच का भेद समाप्त किया जा रहा है। इसकी वजह से वास्तविकता को जानने की लोगों की जरूरत पूरी नहीं हो पा रही है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Publish:Tue, 29 Dec 2015 08:31 PM (IST) Updated:Tue, 29 Dec 2015 09:12 PM (IST)
समाचार और विचार को अलग रखना जरूरी: जेटली

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वित्त और सूचना व प्रसारण मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि इन दिनों मीडिया में समाचार और विचार के बीच का भेद समाप्त किया जा रहा है। इसकी वजह से वास्तविकता को जानने की लोगों की जरूरत पूरी नहीं हो पा रही है। प्रिंट मीडिया इन दोनों के बीच संतुलन बना कर लोगों की इस जरूरत को पूरा कर सकता है।

सूचना और प्रसारण मंत्रालय की ओर से प्रिंट मीडिया पर तैयार की गई वार्षिक रिपोर्ट 'प्रेस इन इंडिया 2014-15' का विमोचन करते हुए जेटली ने कहा कि अखबारों को अपने सामने डिजिटल मीडिया से आई चुनौती का सामना करने के लिए खुद को तैयार करना होगा। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में इंटरनेट और तेजी से बदलती तकनीक ने प्रिंट मीडिया के सामने संकट पेश किया है। लेकिन भारत इसका अपवाद बना हुआ है। यहां क्षेत्रीय अखबारों का प्रसार बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि भारत में टीवी न्यूज चैनलों की संख्या भी बहुत तेजी से बढ़ी है। लेकिन इन पर शोर-शराबे से भरी बहसें ही ज्यादा सुनाई देती हैं। लोगों को वास्तविक तथ्यपरक जानकारी नहीं मिल पाती। ऐसे लंबे कार्यक्रम देखने के बाद भी दर्शकों को वास्तविक घटना की सूचना नहीं मिल पाती। ऐसे में प्रिंट मीडिया तथ्यपरक रिपोर्टिग के आधार पर अपनी बढ़त कायम कर सकता है। अखबार, टीवी और इंटरनेट जैसे अनेक माध्यमों से आ रही खबरों में एक ही खबर कई स्वरूप में सामने आती है। लेकिन पाठक जानता है कि अंतिम सच क्या है।

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