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दिल्ली में कई कोचिंग सेंटर और अस्पताल हो सकते हैं बंद, डीडीएमए करा रहा सर्वे

सभी अस्पतालों में बड़े-बड़े एसी प्लांट लगे होते हैं। तमाम बड़े कोचिंग सेंटरों में एसी की व्यवस्था रहती है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) को सर्वे कराने के निर्देश दिए हैं। महीने भर में इसकी रिपोर्ट देनी होगी। भीषण गर्मी के मद्देनजर एसी प्लांटों में आग लगने की संभावना को देखते हुए फैसला लिया गया है।

By sanjeev Gupta Edited By: Abhishek Tiwari Published: Thu, 23 May 2024 08:25 AM (IST)Updated: Thu, 23 May 2024 08:25 AM (IST)
दिल्ली में कई कोचिंग सेंटर और अस्पताल हो सकते हैं बंद

संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। दिल्ली में आपदा प्रबंधन के मानकों पर खरा न उतरने वाले सरकारी और गैर सरकारी अस्पताल तथा कोचिंग सेंटर बंद किए जा सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि सभी अस्पतालों में बड़े बड़े एसी प्लांट लगे होते हैं।

तमाम बड़े कोचिंग सेंटरों में एसी की व्यवस्था रहती है। इन दिनों जबकि गर्मी अपने चरम पर है और लू वाली स्थिति भी लगातार बनी हुई है। इन प्लांटों पर लोड काफी बढ़ गया है। कभी भी कहीं हादसा हो सकता है। इसीलिए एहतियात बरतना आवश्यक समझा गया है।

महीने भर में देनी होगी रिपोर्ट

इसी के मद्देनजर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण बैठक में दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) को निर्देश दिए हैं कि वे राजधानी के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों और कोचिंग सेंटरों का सर्वे करें। एनडीएमए ने यह सर्वे रिपोर्ट माह भर में देने को कहा है।

इस सर्वे में जांचा जाएगा कि बिजली की मांग बढ़ने या एसी प्लांट में आग लगने की स्थिति में वहां बचाव के लिए क्या कुछ व्यवस्थाएं की गई हैं। जो अस्पताल और कोचिंग सेंटर आपदा प्रबंधन के मानकों पर खरे नहीं उतरते, उन पर कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें बंद किया जाएगा।

दुर्घटनाएं रोकने के लिए उठाया कदम

इस निर्णय के पीछे एनडीएमए का मुख्य उद्देश्य दिल्ली के नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। एनडीएमए के अनुसार, सही आपदा प्रबंधन मानकों का पालन न करने से बड़ी दुर्घटनाएं भी हो सकती हैं, जिनसे लोगों की जान-माल का नुकसान हो सकता है।

डीडीएमए ने यह भी बताया कि सर्वे के दौरान सभी अस्पतालों और कोचिंग सेंटरों की भौतिक संरचना, आग से सुरक्षा के इंतजाम, आपातकालीन निकास और अन्य महत्वपूर्ण मानकों की जांच की जाएगी। इस कदम से दिल्ली में आपदा प्रबंधन की स्थिति में सुधार की उम्मीद है, जिससे भविष्य में संभावित हादसों से बचा जा सकेगा।


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