फ्रेंच गुयाना से भारत छोड़ेगा सबसे भारी उपग्रह जीसैट-11

भारतीय उपग्रह के साथ कोरिया एयरस्पेस रिसर्च इंस्टीट्यूट का जियो-कॉस्मोसैट-2 ए भी लांच किया जाएगा।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Publish:Sat, 01 Dec 2018 08:58 PM (IST) Updated:Sat, 01 Dec 2018 10:36 PM (IST)
फ्रेंच गुयाना से भारत छोड़ेगा सबसे भारी उपग्रह जीसैट-11
फ्रेंच गुयाना से भारत छोड़ेगा सबसे भारी उपग्रह जीसैट-11

बेंगलुरु, प्रेट्र। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अपना अभी तक का सबसे भारी उपग्रह जीसैट-11 पांच दिसंबर को फ्रेंच गुयाना से छोड़ेगा। इसरो के अनुसार इस उपग्रह का वजन करीब 5,854 किलोग्राम है। जीसैट-11 देश में ब्रॉडबैंड सेवा देने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। यह देश की मुख्य भूमि के अतिरिक्त भारत के स्वामित्व वाले सभी द्वीपों को भी सेवा देगा।

जीसैट-11 नई पीढ़ी की सुविधाएं देने के भी काम आएगा। यह इसरो का बनाया सबसे भारी उपग्रह है। इसरो के अनुसार जीसैट-11 अगली पीढ़ी का कम्युनिकेशन सैटेलाइट है और यह 15 साल से ज्यादा समय तक काम करेगा। पहले इसकी लांचिंग 25 मई को होनी थी लेकिन बाद में अतिरिक्त तकनीकी परीक्षण करने की नीयत से नई तारीख पांच दिसंबर तय की गई।

अंतरिक्ष के क्षेत्र में काम करने वाली यूरोप की अग्रणी एजेंसी एरियनस्पेस ने अपनी वेबसाइट पर बताया है कि पांच दिसंबर को आधी रात बाद 2.07 बजे से 3.23 बजे के मध्य जीसैट-11 की लांचिंग होगी। यह उपग्रह दो चरणों में कक्षा में स्थापित किया जाएगा। भारतीय उपग्रह के साथ कोरिया एयरस्पेस रिसर्च इंस्टीट्यूट का जियो-कॉस्मोसैट-2 ए भी लांच किया जाएगा। यह मौसम संबंधी जानकारी भेजने वाला उपग्रह है। उल्लेखनीय है कि फ्रेंच गुयाना फ्रांस के स्वामित्व वाला यूरोपीय का बाहरी इलाका है।

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