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Amit Shah Fake Video Case: हाईकोर्ट के गिरफ्तारी पर रोक के आदेश से रुकी जांच, इस दिन हो सकती है आरोपियों की धरपकड़

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के फेक वीडियो को इंटरनेट मीडिया पर वायरल करने के मामले में दिल्ली पुलिस की जांच फिलहाल रुकी हुई है। यह जांच तेलंगाना हाईकोर्ट के गिरफ्तारी पर रोक के आदेश के बाद से रुकी हुई है। पुलिस ने बताया कि 12 जून को हाई कोर्ट की गिरफ्तारी से रोक हटने के बाद सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा।

By Jagran News Edited By: Monu Kumar Jha Published: Fri, 24 May 2024 11:45 AM (IST)Updated: Fri, 24 May 2024 11:45 AM (IST)
Delhi News: हाईकोर्ट के गिरफ्तारी पर रोक के आदेश से रुकी जांच। फाइल फोटो

राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली। (Amit Shah Fake Video Case Hindi News) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के फेक वीडियो को इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित करने के मामले में दिल्ली पुलिस तेलंगाना कांग्रेस के इंटरनेट मीडिया सेल के छह कार्यकर्ताओं को जांच में शामिल होने के लिए बार-बार नोटिस भेज रही है, लेकिन वे पेश नहीं हो रहे हैं। इससे पुलिस की जांच रुकी हुई है और अब तक यह पता नहीं लगा पाई है कि फेक वीडियो किसने बनाया था।

केस में सात लोग बनाए गए आरोपी

मामले में सात लोग आरोपित बनाए गए हैं, जिनमें एक अरुण बी रेड्डी को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है, जिसे बाद में जमानत मिल गई थी। अन्य छह को गिरफ्तार करना बाकी है। इन सभी के खिलाफ पुलिस पटियाला हाउस कोर्ट से पहले ही गिरफ्तारी वारंट जारी करवा चुकी है।

जांच में शामिल होने के लिए इन्हें चार बार नोटिस भेजा जा चुका है, लेकिन कोई न कोई बहाना बना आरोपित तेलंगाना हाई कोर्ट के गिरफ्तारी पर रोक के आदेश का हवाला देते हुए पुलिस के नोटिस का जवाब भेज जांच में शामिल होने से बच रहे हैं। पुलिस का कहना है कि अब 12 जून को तेलंगाना हाई कोर्ट (Telangana High Court) की गिरफ्तारी से रोक हटने के बाद सभी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

फेक वीडियो (Amit Shah Fake Video Case) किसके निर्देश पर बनाया गया और किन-किन लोगों को भेजा गया, पता नहीं लग पाया है। दिल्ली पुलिस मामला दर्ज करने के बाद दिल्ली की अदालत से वारंट जारी करा जब हैदराबाद पहुंची और वहां आरोपितों की पहचान कर उनसे पूछताछ शुरू की तब फेक वीडियो मामले में हैदराबाद पुलिस ने भी एक केस दर्ज कर कुछ आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन चंद दिनों बाद ही उन्हें जमानत भी मिल गई।

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दिल्ली पुलिस ( Delhi Police) ने जब उन्हें अपने मुकदमे में गिरफ्तार करने की कोशिश की तब उन लोगों ने तेलंगाना हाई कोर्ट का रुख कर गिरफ्तारी पर रोक लगाने की गुहार लगाई। हाई कोर्ट ने 12 जून तक के लिए गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। हाई कोर्ट से गिरफ्तारी पर रोक की अवधि में दिल्ली पुलिस आरोपितों से पूछताछ कर यह जान लेना चाहती थी कि वीडियो किसने बनाया था। इसलिए पुलिस उन्हें बार-बार नोटिस भेज जांच में शामिल होने के लिए कहती रही लेकिन कोई भी नहीं आया।

अब तक की जांच से यह साफ हो गया है कि भाजपा को लोकसभा चुनाव में नुकसान पहुंचाने के मकसद से ही गृह मंत्री का फेक वीडियो बनाकर इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित किया गया था। फेक वीडियो से लोगों को यह संदेश देने की कोशिश की गई कि भाजपा ओबीसी आरक्षण खत्म करना चाहती है।

इस मामले में तेलंगाना कांग्रेस के इंटरनेट मीडिया सेल का काम देखने वाले सात कार्यकर्ताओं की पहचान की गई है। इन्होंने एक वाट्स एप ग्रुप बना रखा था, जिसमें कुछ लोग एडमिन थे। मामले में इंटरमेट मीडिया अकाउंट स्पिरिट आफ कांग्रेस चलाने वाले अरुण बी रेड्डी, तेलंगाना कांग्रेस के प्रदेश सचिव शिवा शंकर, पार्टी प्रवक्ता आसमा तस्लीम, इंटरनेट मीडिया प्रभारी माने सतीश व इंटरनेट मीडिया कन्वेनर नवीन पटेल, गोवा गीता व वामसी कृष्णा को आरोपित बनाया गया है।

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