देश के आधे हिस्से में बाढ़ जैसे हालात, फिर भी अगस्त में औसत से 4 प्रतिशत कम बारिश

सामान्यत: जुलाई और अगस्त का महीना मॉनसून के लिए सबसे अहम माना जाता है, इस दौरान लगभग 70 प्रतिशत वर्षा का योगदान होता है।

By Srishti VermaEdited By: Publish:Fri, 01 Sep 2017 09:32 AM (IST) Updated:Fri, 01 Sep 2017 09:37 AM (IST)
देश के आधे हिस्से में बाढ़ जैसे हालात, फिर भी अगस्त में औसत से 4 प्रतिशत कम बारिश
देश के आधे हिस्से में बाढ़ जैसे हालात, फिर भी अगस्त में औसत से 4 प्रतिशत कम बारिश

नई दिल्ली (जेएनएन)। अगस्त महीने के अंतिम 15 दिनों में पूरे देश में भारी बारिश के कारण बिहार, असम, गुजरात, राजस्थान, और यहां तक कि बेंगलुरु और मुंबई में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, इसके बावजूद इस महीने के अंत में देश भर में बारिश 4 प्रतिशत कम थी। मानसून के मौसम में कम बारिश का यह पहला महीना था। जबकि जून में सामान्य से 4% अधिक और जुलाई में 1.7% अधिक बारिश हुई थी।

सामान्यत: जुलाई और अगस्त का महीना मॉनसून के लिए सबसे अहम माना जाता है, इस दौरान लगभग 70 प्रतिशत वर्षा का योगदान होता है। लेकिन इन महीनों में कम वर्षा ने फसलों की बुवाई को गंभीर रूप से प्रभावित किया है, जो कि महाराष्ट्र के विदर्भ और मराठवाड़ा के बड़े हिस्सों में देखा जा रहा है। इसके अलावा, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और हरियाणा में भी ऐसे हालात देखे जा रहे हैं।

आईएमडी के जलवायु अनुसंधान प्रभाग के प्रमुख डी एस पाई ने बताया, अगस्त में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी कम बारिश देखी गई। दिल्ली में इस महीने 24 प्रतिशत कम बारिश देखी गई जो सामान्य रुप से 37 प्रतिशत कम थी। इसी तरह उत्तर प्रदेश में 11 फीसदी से घटकर 26 फीसदी बारिश हुई। उन्होंने कहा, "मानसून आने वाले दिनों में हिमालय की तलहटी पर सक्रिय रहेगा और सितंबर में भी बारिश होगी।" 
 

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