साजिश का शिकार हुई भाजपा, उतारे कमजोर प्रत्याशी : वेदांती

अयोध्या। भाजपा में टिकट वितरण अंतरराष्ट्रीय साजिश का शिकार हो गया है। राहुल गांधी, सोनिया एवं दिग्विजय सिंह समेत कुछ ताकतें ऐसी हैं, जो नरेंद्र मोदी को देश का प्रधानमंत्री किसी भी कीमत पर नहीं बनने देना चाहतीं और उन्होंने ही टिकट वितरण में निर्णायक भाजपा के कुछ नेताओं को प्रभावित कर जिताऊ की बजाय हर

By Edited By: Publish:Sat, 22 Mar 2014 09:12 AM (IST) Updated:Sat, 22 Mar 2014 10:52 AM (IST)
साजिश का शिकार हुई भाजपा, उतारे कमजोर प्रत्याशी : वेदांती

अयोध्या। भाजपा में टिकट वितरण अंतरराष्ट्रीय साजिश का शिकार हो गया है। राहुल गांधी, सोनिया एवं दिग्विजय सिंह समेत कुछ ताकतें ऐसी हैं, जो नरेंद्र मोदी को देश का प्रधानमंत्री किसी भी कीमत पर नहीं बनने देना चाहतीं और उन्होंने ही टिकट वितरण में निर्णायक भाजपा के कुछ नेताओं को प्रभावित कर जिताऊ की बजाय हराऊ उम्मीदवारों को टिकट दिलाया है। यह चिंता मंदिर आंदोलन के अग्रणी नेता एवं पूर्व सांसद डॉ. रामविलासदास वेदांती ने जाहिर की है। वे अपने आवास पर मीडिया से मुखातिब थे।

डॉ. वेदांती स्वयं टिकट के तलबगार थे। उन्हें पहले बस्ती से टिकट मिलने की उम्मीद थी पर पहली सूची में बस्ती से टिकट किसी और को दिए जाने पर उनकी उम्मीदें अंबेडकरनगर सीट पर टिक गई थीं पर बुधवार शाम घोषित सूची में इस सीट से भी टिकट देने में उनकी अवहेलना की गई। तभी से वे नेतृत्व से आहत हैं। गुरुवार को यह खबर उड़ी कि वेदांती ने विद्रोह कर दिया है और बसपा के टिकट पर लखनऊ लोस सीट से भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह के खिलाफ ताल ठोंकेगे।

डॉ. वेदांती ने बसपा में जाने की खबर को निराधार बताया और कहा कि मैं बचपन से ही साइकिल में जनसंघ का झंडा बांधकर चला करता था, संघ की शाखाओं में जाता था, मंदिर आंदोलन में 1984 से ही सक्रिय रहा, कभी मेरी आस्था विचलित नहीं हुई, हमें अंतिम समय तक टिकट मिलने का आश्वासन मिलता रहा। इसके बावजूद मुझे टिकट न दिया जाना आश्चर्यजनक है। जबकि भाजपा, संघ एवं विहिप को खुलकर गाली देने वाले जगदंबिका पाल एवं कीर्तिवर्धन को टिकट दे दिया गया। बनारस से मुरली मनोहर जोशी, लखनऊ से लालजी टंडन एवं कानपुर से कलराज मिश्र को टिकट न दिए जाने को भी उन्होंने अनुचित बताया।

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डॉ. रामविलासदास वेदांती निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में फैजाबाद लोस क्षेत्र से ही भाग्य आजामा सकते हैं। उनके समर्थन में कुछ हिंदूवादी संगठन आगे आ सकते हैं। कट्टर हिंदुत्व का हवाला और एकमेव प्रमुख स्वजातीय प्रत्याशी के तौर पर वे चुनाव के मुख्य मुकाबले में शामिल हो सकते हैं। हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सहित कुछ शिव सेना नेता वेदांती के संपर्क में बताए भी जा रहे हैं। उन्होंने यह स्वीकार भी किया वे निश्चित तौर पर चुनाव लड़ेंगे पर यह भरोसा जताकर कि भाजपा नेतृत्व उन्हें बस्ती, अंबेडकरनगर अथवा प्रतापगढ़ से उम्मीदवार बना सकता है।

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