राजधानी, शताब्दी व दूरंतो में खाने की दरें भी बढ़ीं

किराये-भाड़े बढ़ाने के बाद अब रेलवे ने कैटरिंग दरें भी बढ़ाने का फैसला किया है। 17 अक्टूबर से राजधानी, शताब्दी तथा दूरंतों ट्रेनों के किराये कैटरिंग की नई दरों के हिसाब से वसूले जाएंगे। वैसे दरों में वृद्धि के साथ रेलवे ने खाने का मेनू बदला है और क्वालिटी व सेवा सुधारने के निर्देश दिए हैं।

By Edited By: Publish:Fri, 11 Oct 2013 05:01 AM (IST) Updated:Fri, 11 Oct 2013 05:10 AM (IST)
राजधानी, शताब्दी व दूरंतो में खाने की दरें भी बढ़ीं

नई दिल्ली, [संजय सिंह]। किराये-भाड़े बढ़ाने के बाद अब रेलवे ने कैटरिंग दरें भी बढ़ाने का फैसला किया है। 17 अक्टूबर से राजधानी, शताब्दी तथा दूरंतों ट्रेनों के किराये कैटरिंग की नई दरों के हिसाब से वसूले जाएंगे। वैसे दरों में वृद्धि के साथ रेलवे ने खाने का मेनू बदला है और क्वालिटी व सेवा सुधारने के निर्देश दिए हैं। देखना यह होगा कि यात्रियों को यह सब वास्तव में नसीब होता है या नहीं।

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रेलवे ने गुपचुप बढ़ाए खान-पान के दाम

इन ट्रेनों में फ‌र्स्ट एसी व एक्जीक्यूटिव क्लास में सुबह की चाय के 15 रुपये, ब्रेकफास्ट के 90 रुपये, लंच 145 रुपये, शाम की चाय के 45 रुपये (जहां डिनर सर्व होता है) तथा 75 रुपये (जहां डिनर सर्व नहीं होता) लिए जाएंगे। इसके अलावा डिनर के 145 रुपये तथा कांबो मील के 75 रुपये वसूले जाएंगे। सेकंड एसी/थर्ड एसी तथा चेयरकार में सुबह की चाय के 10 रुपये, ब्रेकफास्ट के 75 रुपये, लंच के 125 रुपये, शाम की चाय के 45 रुपये, डिनर के 125 रुपये तथा कांबो मील के 75 रुपये किराये में जोड़े जाएंगे। दूरंतो के एसएल क्लास में कैटरिंग की दरें किराये में इस प्रकार जोड़ी जाएंगी: सुबह की चाय के 10 रुपये, ब्रेकफास्ट के 40 रुपये, लंच के 80 रुपये, शाम की चाय के 20 रुपये तथा डिनर के 80 रुपये।

इसके साथ ही खाने-पीने की आइटमों की गुणवत्ता व कैटरिंग सेवा में सुधार के लिए रेलवे बोर्ड ने जोनल रेलों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं। इनके अनुसार ज्यादा दरों के साथ खाने में सुधार स्पष्ट रूप से दिखाई देना चाहिए। मसलन, दाल या सब्जी पतली नहीं, बल्कि गाढ़ी होनी चाहिए। प्लास्टिक के कपों का इस्तेमाल कतई नहीं किया जाना चाहिए। ब्रांडेड उत्पादों एवं सामग्रियों की आपूर्ति पर जोर होना चाहिए। नया मेनू स्पष्ट रूप से ट्रे के साथ पेपर पर दर्शाया जाना चाहिए। फ‌र्स्ट एसी व एक्जीक्यूटिव क्लास के यात्रियों को मांग पर अतिरिक्त खाद्य सामग्री (टी बैग, काफी, चीनी वगैरह) उपलब्ध कराई जानी चाहिए। कैटरिंग स्टाफ पूरी तरह साफ-सुथरी ड्रेस में रहे। इसके अलावा खाने को ट्रॉलियों के जरिये सर्व करने को भी कहा गया है। साथ में सप्ताह के पांच दिन के लिए क्रमवार अलग-अलग मेनू भी जारी किया गया है। प्रत्येक तीन महीने में इसके बदलाव होगा। जिन ट्रेनों में कई मील दिए जाते हैं, वहां दूसरे के स्थान पर कांबो मील का कान्सेप्ट लाया गया है। तीसरा मील रेग्युलर मील होगा। एक रेल नीर बोतल की आपूर्ति कांप्लीमेंटरी होगी। उसके अलावा लेने पर चार्ज लगेगा।

रेलवे का कहना है कि राजधानी, शताब्दी की कैटरिंग दरें 1999 में रिवाइज की गई थीं। तच्से कच्चे माल की कीमतों में भारी वृद्धि हो चुकी है। लिहाजा दरें बढ़ाना जरूरी हो गया था। इसके अलावा खाने में गुणवत्ता की मांग को पूरा करने का भी दबाव है। इस संबंध में एक कमेटी का गठन किया गया था। ये दरें उसी की सिफारिशों के आधार पर बढ़ाई गई हैं।

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