'हुंकार रैली में आतंकियों के निशाने पर थे नरेंद्र मोदी'

पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि आतंकियों के निशाने पर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी थे। उन्होने मंच के समीप बम लगाया था जो संयोग से फटा नहीं। मोदी ने सरकार पर जानबूझ कर लापरवाही बरतने का भी आरोप लगाया। वहीं पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने विस्फोट में मारे गये लोगों को शहीद

By Edited By: Publish:Tue, 29 Oct 2013 11:23 AM (IST) Updated:Tue, 29 Oct 2013 11:27 AM (IST)
'हुंकार रैली में आतंकियों के निशाने पर थे नरेंद्र मोदी'

पटना, जागरण ब्यूरो। पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि आतंकियों के निशाने पर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी थे। उन्होने मंच के समीप बम लगाया था जो संयोग से फटा नहीं। मोदी ने सरकार पर जानबूझ कर लापरवाही बरतने का भी आरोप लगाया। वहीं पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने विस्फोट में मारे गये लोगों को शहीद करार देते हुए कहा कि इनके सम्मान में पार्टी का झंडा दो दिनों तक झुका रहेगा। उन्होंने पार्टी की तरफ से मारे गये लोगों को पांच पांच लाख रुपए देने की घोषणा भी की।

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मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि वे नरेंद्र मोदी से राजनीतिक विरोधी के बजाए दुश्मन की तरह व्यवहार कर रहे हैं। कल रैली के दौरान हुए धमाके पूरी तरह प्रशासनिक तंत्र की चूक का नतीजा हैं। यह चूक अथवा लापरवाही अनायास नहीं जानबूझ कर की गयी है। मोदी ने कहा कि एक बम मंच के समीप लगाया गया था। जिसे बाद में निष्क्रिय किया गया। किसी वजह से यह फटा नहीं। यदि फटता और भगदड़ मचती तो इसका लाभ उठाकर आतंकी बड़ी घटना को अंजाम दे सकते थे।

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नीतीश कुमार ने कहा कि उन्हें वारदात के बारे में कोई इनपुट नही मिला था, जबकि भाजपा नेता सुशील मोदी ने कहा कि केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने 23 अक्टूबर को इंडियन मुजाहिदीन की कार्रवाई को लेकर बिहार सरकार को पत्र के माध्यम से अलर्ट किया था। इसके पूर्व एक अक्टूबर को पूरे देश में चेतावनी जारी की गयी थी। इसके बावजूद रैली स्थल की सुरक्षा को जूनियर अधिकारियों पर छोड़ दिया गया। मैदान की एंटी सबोटेज जांच भी नहीं की गयी। प्रवेश द्वारों पर मेटल डिटेक्टर तक नहीं लगाया गया।

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वही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने विस्फोट में मारे गये लोगों के परिजनों को पार्टी की तरफ से पांच लाख रुपये देने की घोषणा की। उन्होने कहा कि पार्टी को घटना में मारे गये लोगों के परिजनों की चिंता है। उन्होंने मृतकों के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग की। उन्होने बताया कि मृतकों के अंतिम संस्कार में पार्टी की तरफ से स्थानीय विधायक और सांसद मौजूद रहेंगे। उन्होने कहा कि भाजपा परिवर्तन की लड़ाई लड़ रही है। मारे गये पार्टी कार्यकर्ता इस संघर्ष के शहीद हैं। पार्टी इन शहीदों की याद में उनके गांवों में मूर्ति लगवाएगी।

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सरदार पटेल की जयंती 31 अक्टूबर से शहीदों की याद में यात्रा निकालेगी। पांच नवंबर को पटना में सभी शहीदों की अस्थियों का सामूहिक तौर पर विसर्जन किया जाएगा। सभी शहीदों की अस्थियों का गंगा में सामूहिक विसर्जन किया जाएगा। शहीदों के सम्मान में दो दिनों तक पार्टी का ध्वज झुका रहेगा। रैली में हुई सुरक्षा चूक को लेकर पार्टी 30 अक्टूबर को राज्यपाल से मुलाकात कर ज्ञापन सौपेगी ।

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वहीं विधान सभा में प्रतिपक्ष के नेता नंद किशोर यादव ने भी सुरक्षा इंतजामों पर सवाल उठाया। सरकार ने वादा किया था कि हुंकार रैली में जदयू की अधिकार रैली वाली व्यवस्था की जाएगी। सरकार को विस्तार से बताना चाहिए कि अधिकार रैली में क्या व्यवस्थाएं थीं। पुलिस ने 27 को दस मंच अपनी कस्टडी में लिया। मुख्य मंच वाले इलाके में आवांछित लोगों को घुसने दिया गया। बिना पास के लोग मंच तक पहुंच गए। पूरी सुरक्षा व्यवस्था ही भगवान भरोसे थी।

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