चीन को अमेरिका की चेतावनी, भारत के साथ कुछ हुआ तो चुप नहीं बैठेंगे

हिंद-प्रशांत महासागर में चीन के बढ़ते आक्रामक रवैये को लेकर अंतरराष्ट्रीय बिरादरी अब ज्यादा दिनों तक चुप बैठने वाली नहीं है।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Wed, 19 Jul 2017 06:07 AM (IST) Updated:Wed, 19 Jul 2017 02:52 PM (IST)
चीन को अमेरिका की चेतावनी, भारत के साथ कुछ हुआ तो चुप नहीं बैठेंगे
चीन को अमेरिका की चेतावनी, भारत के साथ कुछ हुआ तो चुप नहीं बैठेंगे

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। डोकलाम (सिक्किम-भूटान सीमा) से लेकर हिंद-प्रशांत महासागर में चीन के बढ़ते आक्रामक रवैये को लेकर अंतरराष्ट्रीय बिरादरी अब ज्यादा दिनों तक चुप बैठने वाली नहीं है। एक तरफ अमेरिका ने जहां चीन को परोक्ष तौर पर यह चेतावनी दी है कि अगर हिंद महासागर में भारत के खिलाफ कुछ होता है तो वह जापान के साथ मदद के लिए सामने आ सकता है तो आस्ट्रेलिया ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र के अहम लोकतांत्रिक देशों (भारत, इंडोनेशिया, जापान व आस्ट्रेलिया) को एक साथ काम करने का आह्रवान किया है।

 भारत के दौरे पर आई आस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री जूली बिशॉप ने हिंद महासागर में भारत को निर्विवाद तौर पर लीडर कह कर अपनी मंशा साफ कर दी है कि चीन की लगातार बढ़ती नौ सैनिक गतिविधियों को लेकर अंतरराष्ट्रीय बिरादरी की चिंता बढ़ रही है।बंगाल की खाड़ी में मालाबार के नाम से अमेरिका, भारत और जापान की नौ सेना के बीच अभी तक का सबसे बड़ा नौ सैनिक अभ्यास चल रहा है। इसमें दुनिया का सबसे बड़ा विमान वाहक जहाज अमेरिकी निमिट्ज भी है।

 निमिट्ज के कमांडर रियर एडमिरल विलियम बायर्नी ने कहा है कि, ''इस अभ्यास का एक मकसद यह भी है कि अगर हिंद महासागर में कोई अंतरराष्ट्रीय संकट पैदा होता है तो जापान व अमेरिका मदद के लिए आगे आ सकते हैं। मालाबार से हम एक दूसरे को और बेहतर तरीके से समझने लगे हैं ऐसे में किसी भी सामुद्रिक संकट में हम और बेहतर सामंजस्य के तहत काम कर सकते हैं।'

 'अमेरिका के कमांडर का यह बयान अपने आप में बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि चीन इस पूरे समुद्री क्षेत्र में बहुत तेजी से अपनी गतिविधियां बढ़ा रहा है। प्रशांत महासागर में साउथ चाइना विवाद खड़ा करने के साथ ही वह अफ्रीका से लेकर दक्षिणी पूर्वी एशिया के समुद्री तट तक कई नौ सैनिक अड्डे बना रहा है ताकि भारत को घेरा जा सके। कुछ ही दिन पहले चीन के 13 नौ सैनिक जहाजों को इस इलाके में भ्रमण करते देखा गया है जिसे माना जा रहा है कि चीन ने मालाबार अभ्यास कर रहे देशों के खिलाफ चेतावनी के तौर पर इस्तेमाल किया है। मालाबार अभ्यास की शुरुआत भारत व अमेरिका के बीच हुई थी लेकिन अब उसमें जापान को भी जोड़ा जा चुका है। और संभवत: अगले साल से आस्ट्रेलिया भी इसमें शामिल होगा। भारत लगातार यह कहता रहा है कि मालाबार अभ्यास किसी अन्य देश के हितों के खिलाफ नहीं है।

 इस बात के संकेत भारत के दौरे पर आई आस्ट्रेलिया विदेश मंत्री बिशॉप ने स्वयं दिल्ली में एक भाषण के दौरान दिये। बिशॉप की पीएम नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से भी मुलाकात की। लेकिन एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने जो बातें उससे साफ है कि चीन के आक्रामक रवैये के खिलाफ हिंद-प्रशांत महासागर में एक नई लामबंदी शुरु हो रही है। उन्होंने कहा कि इस समुद्री क्षेत्र में स्थायित्व के लिए सभी लोकतांत्रिक देशों (जापान, आस्ट्रेलिया, भारत व इंडोनेशिया) को एकजुट होना चाहिए। ये चारों देश इस क्षेत्र के सबसे बड़े देश भी हैं। आस्ट्रेलिया विदेश मंत्री ने चीन को साऊथ चाईना सी पर एक सलाह भी दे डाली कि जिस तरह से भारत व बांग्लादेश ने अपनी सामुद्रिक सीमा से जुड़े मामले को यूएन के नियमों के तहत सुलझा लिया है उस तरीके को चीन को भी अपनाना चाहिए।

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