क्या आप जानते हैं, इस कारण मिलता है किन्नर का जन्म !

शास्त्रों में ये भी माना गया है कि जिस व्यति के पूर्व जन्मों के कर्म बुरे हों और व्यक्ति पाप का भागिदार हो तो उसे किन्नर का जन्म मिलता है। इसके अलावा शास्त्रों में किन्नरों का उल्लेख ज़रूर किया गया है

By Mohit TanwarEdited By: Publish:Thu, 24 Nov 2016 11:19 AM (IST) Updated:Thu, 24 Nov 2016 12:19 PM (IST)
क्या आप जानते हैं, इस कारण मिलता है किन्नर का जन्म !

शादी विवाह और खुशी के अवसर पर अक्सर आपने किन्नर (हिजड़े) जिसे आम भाषा में छक्के और ट्रांसजेंडर के नाम से भी जाना जाता है, को अवश्य देखा होगा। क्योंकि इन किन्नरों के बारे में ये प्रचलित है कि एक बार यदि यह किसी के सिर पर हाथ रख दें, तो उसकी सोई हुई किस्मत जाग जाती है। और यही वजह है कि किसी भी अच्छे काम से पहले इन्हें नाच-गाने के लिए आमंत्रित किया जाता है। जहां ये जाकर अपना आशिर्वाद लोगों को देते हैं।

मगर क्या आपने कभी इनके बारे में सोचने के लिए अपना वक्त दिया है? किन्नर समुदाय समाज से अलग ही रहता है और इसी कारण आम लोगों में उनके जीवन और रहन-सहन को जानने की जिज्ञासा बनी रहती है। किन्नर अथवा हिजड़े इन नामों को तो हर कोई जानता होगा, लेकिन किन्नर अथवा हिजड़े सामान्य लोगों से कैसे अलग होते हैं यह बात कोई नहीं जानता। आज हम आपको कुछ ऐसी जानकारी देंगे, जो किन्नर अथवा हिजड़े के जीवन में होती हैं। किन्नर का जन्म कैसे होता है, यह कम ही लोग जानते हैं।

ज्योतिष विद्या की माने तो व्यक्ति की जन्मपत्री के आठवें घर में शुक्र और शनि मौजूद हों और इन्हें गुरु और चन्द्र नहीं देख रहे हों, तो व्यक्ति का जन्म नपुंसक के रूप में होता है। इसी तरह ज्योतिष विद्या का इस्तेमाल कर भी बताया जा सकता है कि व्यक्ति बड़े होकर तीसरी श्रेणी में अपनी जगह बनाएगा या नहीं।

इसके अलावा शास्त्रों में ये भी माना गया है कि जिस व्यक्ति के पूर्व जन्मों के कर्म बुरे हों और व्यक्ति पाप का भागिदार हो तो उसे किन्नर का जन्म मिलता है। इसके अलावा शास्त्रों में किन्नरों का उल्लेख ज़रूर किया गया है, लेकिन कहीं भी इस बात का उल्लेख नहीं किया गया कि किन्नरों का अपमान करना सहीं है और उन्हें निचले दर्जे का समझना चाहिए। अगर कोई भी व्यक्ति किन्नरों का सम्मान नहीं करता या उनका मज़ाक उड़ाता है, तो शास्त्रों के अनुसार उसे अगला जन्म किन्नर का मिलता है। और उसे भी इसी तरह के अपमान को भुगतना पड़ता है।

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