मुंबई: किडनी रैकेट में हीरानंदानी अस्पताल के CEO समेत पांच डॉक्टर गिरफ्तार

पवई पुलिस ने किडनी रैकेट के मामले में डॉ.एल.एच.हिरानंदानी हॉस्पिटल के सीईओ सुजीत चटर्जी सहित 5 डॉक्टरों को गिरफ्तार कर लिया है।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Wed, 10 Aug 2016 06:17 AM (IST) Updated:Wed, 10 Aug 2016 08:46 AM (IST)
मुंबई: किडनी रैकेट में हीरानंदानी अस्पताल के CEO समेत पांच डॉक्टर गिरफ्तार

मुंबई, (राज्य ब्यूरो)। मुंबई के डॉ एलएच हिरानंदानी अस्पताल के किडनी रैकेट मामले में पुलिस ने सीईओ सुजीत चटर्जी समेत पांच डॉक्टरों को गिरफ्तार कर लिया है। इस किडनी रैकेट का भंडाफोड़ पिछले महीने 15 जुलाई को हुआ था।

मुंबई के पवई स्थित हीरानंदानी अस्पताल नेशनल एक्रीडिशन बोर्ड ऑफ हॉस्पिटल्स (एनएबीएच) से मान्यता प्राप्त अस्पताल है। पिछले महीने एक शिकायतकर्ता ने अस्पताल प्रशासन को सूचना दी कि किसी डोनर की पहचान बदलकर उसकी किडनी किसी और को दी जा रही है। पुलिस ने उस समय दो दिनों के अंदर ही चार लोगों को गिरफ्तार किया था। लेकिन इस बात की जांच की जा रही थी कि कहीं इस मामले में अस्पताल प्रशासन तो शामिल नहीं है।

जिसके बाद पवई पुलिस की जांच में अस्पताल के डॉक्टरों की भूमिका भी संदिग्ध नजर आई। पुलिस संदिग्धों डॉक्टरों से लगातार पूछताछ कर रही थी। राज्य सरकार द्वारा नियुक्त स्वास्थ्य विभाग के पैनल की जांच में भी हीरानंदानी के डॉक्टरों की भूमिका संदिग्ध पायी गयी । जिसके आधार पर पवई पुलिस अस्पताल के सीईओ सुजीत चटर्जी के साथ चार डॉक्टरों को गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में अब तक पांच डॉक्टरों सहित 13 लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार लोगों में मेडिकल डाइरेक्टर अनुराग नाईक, डॉ.मुकेश शाह, डॉ.मुकेश शेटे एवं डॉ. प्रकाश शेट्टी के रूप में हुई है।

पुलिस का कहना है कि आरोपी डॉक्टरों की मिलीभगत से ही हीरानंदानी अस्पताल में अवैध किडनी ट्रांसप्लांट का काम किया जा रहा था। पुलिस को किडनी रैकेट के मास्टर माइंट ब्रिजेंद्र बिसेन और किडनी ट्रांसप्लांट कॉर्डिनेटर निलेश कांबले से पूछताछ में किडनी रैकेट से जुड़ी कई अहम जानकारियां मिलीं। बिसेन से पूछताछ में पता चला था कि उसने अब तक कई मरीजों का फर्जी कागजात बनवाकर किडनी ट्रांसप्लांट करवाया है।

इससे पहले किडनी रैकेट के मामले में पुलिस ने गुजरात से युसूफ दीवान (45) को गिरफ्तार किया था। पुलिस की पूछताछ में उसने खुलासा किया था कि गुजरात में कई गिरोह सक्रिय हैं, जो गरीब परिवार के लोगों को मोटी रकम एवं नौकरी दिलाने का झांसा देकर उन्हें अपनी किडनी देने के लिए तैयार करते हैं और किडनी ट्रांसप्लांट के बाद में उन्हें दो से तीन लाख रुपए देकर धोखाधड़ी करते हैं।

अपोलो किडनी रैकेट: किडनी के लिए रचाई फर्जी शादी, पुलिस ने किया गिरफ्तार

chat bot
आपका साथी