गोलियों की रासलीला है अग्निफेरा

अनुराग को जीवनसाथी बनाने के लिए रागिनी और सृष्टि में छिड़ी है जंग, पर धारावाहिक ‘अग्निफेरा’ में यह किरदार निभाने वाले अंकित गेरा की सोच बेहद सुलझी हुई है।

By Srishti VermaEdited By: Publish:Thu, 23 Mar 2017 12:26 PM (IST) Updated:Thu, 23 Mar 2017 12:34 PM (IST)
गोलियों की रासलीला है अग्निफेरा
गोलियों की रासलीला है अग्निफेरा

अनुराग को जीवनसाथी बनाने के लिए रागिनी और सृष्टि में छिड़ी है जंग, पर धारावाहिक ‘अग्निफेरा’ में यह किरदार निभाने वाले अंकित गेरा की सोच बेहद सुलझी हुई है। वह साझा कर रहे हैं प्यार और शादी को लेकर अपने विचार...

‘सपने सुहाने लड़कपन के’ फेम अंकित गेरा ने ‘बिग बॉस 9’ के बाद काम से ब्रेक लिया था। अब वह एंड टीवी पर धारावाहिक ‘अग्निफेरा’ के नायक अनुराग बनकर लौटे हैं। यह एक हद तक बिहार में प्रचलित ऐसे विवाहों की घटनाओं से प्रेरित है, जिसमें लड़के की बेटी से जबरन शादी करवा दी जाती है। बाहुबलियों के खानदान से ताल्लुक रखने वाली रागिनी व वकालत पढ़ रही सृष्टि को अनुराग भा गया है। उन दोनों के परिवार अब जोर-जबर्दस्ती से अनुराग के साथ अपनी बेटियों के अग्नि के सात फेरे लगवाने पर आमादा हैं।

रोमांच और कॉमेडी एकसाथ
अंकित के शब्दों में, ‘यहां गन और गोलियों की रासलीला है। अनुराग की शादी किसी एक से हुई, तो दूसरी उसके जी का जंजाल बन जाएगी। रागिनी और सृष्टि की घेराबंदी उसके गले का फंदा बनती है या हार, वह इस शो में है। दूसरी तरफ अनुराग सीधा-सरल लड़का है। एक लड़की उसकी मां की पसंद है, तो दूजी उसके पिता की। मजेदार बात यह है कि दोनों अलग-अलग लड़की के परिवार वालों को जुबान दे चुके हैं। इससे अनुराग के लिए धर्मसंकट की स्थिति उत्पन्न गई है। वह अपने मां-बाप की बात रखने की कोशिश कर रहा है, पर यह बड़ा ही मुश्किल काम है। कुल मिलाकर शो में रोमांच और कॉमेडी का जोरदार मिश्रण है।’

इमोशनल ब्लैकमेल
अनुराग तो खुद परिजनों की पसंद को अपनी पसंद बनाना चाहता है, मगर कई मामलों में अनुराग जैसों पर पसंद थोपी जाती है। इंकार करने पर परिजन इमोशनल ब्लैकमेलिंग शुरू कर देते हैं। अनुराग कहते हैं, ‘वैसी परिस्थितियों में दोनों पक्षों को समझदारी से काम लेना चाहिए। अपनी पसंद को ठोस तर्कों के साथ पूरी विनम्रता के साथ जायज ठहराएं। इस तरह बात बन सकती है। आखिरकार परिजन भी अपनी संतान की खुशी ही चाहते हैं। औलाद अगर बिगड़ी हुई है, तो वहां परिजनों का पक्ष जायज है। जहां तक प्यार को विस्तार प्रदान कर शादी का रूप देने का सवाल है, तो वह तब करें जब आपके साथ आर्थिक सुरक्षा हो। दोनों में से कोई एक पार्टनर भी जॉब में हो, तो मुश्किल नहींहोगी। अगर प्यार है, तो लड़के का हाउसहस्बैंड होना भी स्वीकार किया जाना चाहिए।’

डेटिंग नहीं, सीधे शादी
रियल लाइफ में डेटिंग और शादी के सवाल पर अंकित कहते हैं, ‘मैं फिलहाल सिंगल हूं। मुझ पर आरोप लगा कि मैं अपने कुछ रिश्तों के टूटने का कसूरवार हूं। कुछ कारणों से हमारा रिश्ता आगे नहीं बढ़ सका। जिनके साथ मैं रिलेशन में था, उनका नाम सबके सामने नहींलेना चाहता। मैं मानता हूं कि भले ही आपका रिश्ता आगे न बढ़ सके, पर एक-दूसरे की इज्जत हमेशा करनी चाहिए। मैंने अपने अतीत के अनुभव से सबक लिया है। अब कोई नया रिश्ता बनता है तो डेटिंग के बजाय सीधे शादी की बात करूंगा।’

-अमित कर्ण

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