Corn: पैरों में पड़ जाती है मोटी गांठ? जानें क्या है यह समस्या और क्यों होती है
Corn हमारे शरीर को लगातार देखभाल की जरूरत होती है। ऐसा जरूरी नहीं है कि हर बार समस्या आंतरिक रूप से हो कई बार शरीर के ऊपरी हिस्से को भी अलग-अलग परेशानियों का सामना करना पड़ता है। खासतकर त्वचा से संबंधित दिक्कतें। इन्हीं में से एक है कॉर्न जिससे ज्यादातर लोग परेशान रहते हैं और उन्हें यह भी नहीं पता होता कि यह क्या है और इसे ठीक कैसे करें।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Corn: कॉर्न्स शरीर पर होने वाली एक ऐसी स्थिति है, जब त्वचा मोटी और कठोर जाती है। वैसे तो यह कोई खतरनाक स्थिति नहीं है, लेकिन लंबे समय तक बने रहने के चलते यह असहजता को बढ़ाती है और जलन पैदा कर सकता है। आपने भी अपने आसपास के लोगों को अक्सर इस समस्या की शिकायत करते हुए देखा होगा। ज्यादातर मामलों में यह पैरों पर ही नजर आते हैं, जिससे छुटकारा पाने के लिए कुछ इसे खुद ही निकालने की कोशिश करते हैं। हालांकि, कॉर्न्स इतनी आसानी से बिना चिकित्सीय सहायता के ठीक नहीं होती। आइये इस समस्या के बारे में विस्तार से जानते हैं।
कॉर्न्स क्या हैं?
कॉर्न आमतौर पर पैरों के निचले हिस्से, पैर की उंगलियों, उंगलियों या हाथों पर होने वाली एक स्थिति है, जिसमें त्वचा बेहद कठोर, मोटी और बेजान हो जाती है। ये काफी दर्दनाक होते हैं और तब दिखाई देते हैं जब त्वचा को लगातार घर्षण का सामना करना पड़ता है। इनके आकार की बात करें, तो कई बार यह छोटे से लेकर बड़े होने तक अलग-अलग होते है। कॉर्न्स के तीन अलग-अलग प्रकार के होते हैं।
कॉर्न्स कितनी तरह के होते हैं?
- कठोर कॉर्न: इस दौरान कठोर और मृत त्वचा के छोटे-छोटे टुकड़े होते हैं। वे आमतौर पर पैर की उंगलियों पर दिखाई देते हैं। इस क्षेत्र पर हड्डी का दबाव पड़ने से कॉर्न कठोर बन जाता है।
- नरम कॉर्न: इस श्रेणी के कॉर्न नरम होते हैं और छूने पर रबर जैसा महसूस होता है। यह आमतौर पर भूरा या सफेद होता है और पैर की उंगलियों के बीच के क्षेत्र में बनता है।
- सीड कॉर्न: यह कॉर्न का एक छोटा रूप है, जो आमतौर पर पैरों के नीचे दिखाई देता है।
कॉर्न्स के लक्षण क्या हैं?
लगातार एक ही हिस्से पर दबाव पड़ने से वहां की त्वचा का सख्त हो जाना
त्वचा का छोटे और गोल आकार में उभरना और चारों ओर त्वचा में जलन महसूस होना
त्वचा का बड़ा, मोटा धब्बा, चपटा दिखना
त्वचा के हिस्से पर रेडनेस और छाले
क्यों होता है कॉर्न?
टाइट जूतों का इस्तेमाल करने ले कॉर्न की समस्या हो सकती है क्योंकि इस दौरान जूतों के अंदर त्वचा रगड़ती है, जिससे दबाव और घर्षण होता है।
उबड़-खाबड़ इलाकों में जूते न पहनने से कॉर्न्स हो सकते हैं। इस दौरान अगर जूतों के साथ एक जोड़ी मोज़े का इस्तेमाल न करें पैरों पर घर्षण बढ़ सकता है और कॉर्न्स हो सकते हैं।
लंबे समय तक गहन व्यायाम के साथ शारीरिक गतिविधियां त्वचा के संपर्क वाले क्षेत्रों में कॉर्न्स का कारण बन सकती हैं। जैसे ज्यादा चलने और दौड़ने से कॉर्न्स हो सकते हैं।
ऐसी गतिविधियाँ जो आपके पैरों, हाथों या उंगलियों के एक विशेष हिस्से पर दबाव डालती हैं, वे भी कॉर्न्स का कारण बनती हैं।
कॉर्न्स को ठीक कैसे करें?
कॉर्न के इलाज से पहले इसे ट्रिगर करने वाले कारणो को समझना चाहिए। घर्षण या दबाव पैदा करने वाले कारक को हटा दिया जाए, तो ज्यादातर मामलों में स्थिति ठीक हो सकती है।
कॉर्न को फाइल करके निकाला जा सकता है। सबसे पहले पैरों को गर्म पानी में 20 मिनट के लिए भिगो दें। फिर अपने पैरों को पानी से निकालें और धीरे से डेड स्किन को फाइल करके हटा दें। हालांकि, ऐसा एक डॉक्टर से सलाह के बाद ही करें।
याद रखें कि त्वचा को बहुत अधिक फाइल न करें क्योंकि इसे रक्तस्राव और संक्रमण हो सकता है।
सैलिसिलिक एसिड युक्त मलहम, स्क्रब और लोशन कॉर्न्स को हटाने में प्रभावी हैं। इन्हें अपने कॉर्न पर लगाएं। इस एसिड की मौजूदगी से मृत त्वचा को हटाना आसान हो जाता है। लेकिन अगर आपको को स्किन संबंधी समस्या है, तो सैलिसिलिक एसिड वाले उत्पादों का उपयोग करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें।
सैलिसिलिक एसिड युक्त लोशन लगे कॉर्न पैड का भी इस्तेमाल किया जा सकता है, जो प्रभावित क्षेत्र पर घर्षण को रोकता है और डेड सेल्स को आसानी से हटाने में मदद करता है।
Disclaimer: लेख में दिए गए सुझाव और टिप्स सिर्फ सामान्य जानकारी के उद्देश्य के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। किसी भी तरह के सवाल या परेशानी हो तो फौरन अपने डॉक्टर से सलाह करें।
Picture Courtesy: Freepik
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