चैंबर ऑफ कॉमर्स की कार्यकारिणी की बैठक में उठा मुद्दा, कब तक जेनरेटर के भरोसे चलाते रहेंगे उद्योग

झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स की बैठक शनिवार को हुई। इसमें बिजली की खराब स्थिति पर सवाल उठाया गया। कहा जेनरेटर के भरोसे कब तक उद्योग चलाते रहेंगे।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 07 Jul 2019 05:03 AM (IST) Updated:Sun, 07 Jul 2019 06:38 AM (IST)
चैंबर ऑफ कॉमर्स की कार्यकारिणी की बैठक में उठा मुद्दा, कब तक जेनरेटर के भरोसे चलाते रहेंगे उद्योग
चैंबर ऑफ कॉमर्स की कार्यकारिणी की बैठक में उठा मुद्दा, कब तक जेनरेटर के भरोसे चलाते रहेंगे उद्योग

जागरण संवाददाता, रांची: झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स की बैठक शनिवार के संपन्न हुई। इस बैठक में राज्य के अंचल कार्यालयों में व्याप्त अनियमितताओं से आमजनों को हो रही परेशानियों एवं परिवहन विभाग के निर्णयों के आलोक में लोडर मशीन मालिकों को 12 वर्ष का एकमुश्त कर जमा करने से हो रही कठिनाईयों के अलावा जनहित से जुड़े अन्य मुद्दों को राज्य सरकार के संज्ञान में लाने हेतु झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स ने आक्रामक रूप से कार्रवाई करने का निर्णय लिया है।

बैठक में पॉवर कट से परेशान व्यापारियों ने कहा कि राज्य में जारी पावरकट की समस्या अभी भी बनी हुई है। आखिर कब तक हम जेनरेटर के भरोसे उद्योग चलायेंगे। व्यापारियों के टैक्स से ही सरकार द्वारा जनकल्याण के कार्य किये जाते हैं, पर हमें बिजली जैसी मूलभूत सुविधाएं तो उपलब्ध कराई जायें। व्यापारियों ने अपना विरोध जताते हुए कहा कि उर्जा विभाग मुख्यमंत्री के पास है फिर भी पॉवर कट का कोई समाधान नहीं हुआ है।

परिवहन कर एकमुश्त जमा करने पर बैठक में कहा गया कि ये चिंतनीय है कि एक ओर राज्य सरकार को राजस्व की आवश्यकता है, वहीं दूसरी ओर परिवहन विभाग के अव्यवहारिक नियमों के कारण सरकार को अधिकाधिक संख्या में राजस्व हानी भी हो रही है। बडे-बडे ट्रास्पोर्टर्स जब झारखंड छोड़कर दूसरे राज्यों में पलायन करेंगे तो इससे झारखंड में इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में भी रूकावटें आयेंगी। जमीनों के निबंधन में राईट टू सर्विस एक्ट का नहीं किया जा रहा अनुपालन

व्यापारियों ने बैठक में कहा कि कि जमीनों के निबंधन में राईट टू सर्विस एक्ट का अनुपालन नहीं किया जा रहा है। बिना अनियमितता के अंचल कार्यालयों से कार्य कराना किसी के लिए संभव नहीं है। इसी प्रकार फूड लाईसेंस बनने की प्रक्रिया भी अब तक सुव्यवस्थित नहीं हो सकी है। इसके साथ ही एनजीटी के नियम के कारण बालू का उठाव मुश्किल हो गया है। जिन व्यापारियों के पास इसका स्टॉक है उन्हें सरकारी कर्मचारी परेशान कर रहे हैं। बैठक में चैंबर अध्यक्ष दीपक कुमार मारू, उपाध्यक्ष सोनी मेहता, दीनदयाल वर्णवाल, महासचिव कुणाल अजमानी, सह सचिव प्रवीण जैन छाबड़ा, कोषाध्यक्ष राहुल मारू, क्षेत्रीय उपाध्यक्ष जितेंद्र प्रसाद, बिकास मिश्रा, कार्यकारिणी सदस्य मुकेश अग्रवाल आदि शामिल थे।

chat bot
आपका साथी