झारखंड में सिर्फ दिखावे को एक, भितरखाने बिखरा है विपक्ष

झारखंड में महागठबंधन की अगुवाई झामुमो के हाथों में है, लेकिन बाबूलाल मरांडी के झाविमो के साथ-साथ कांग्रेस भी दावेदारी में पीछे नहीं दिख रही।

By Edited By: Publish:Mon, 20 Aug 2018 08:59 AM (IST) Updated:Mon, 20 Aug 2018 04:05 PM (IST)
झारखंड में सिर्फ दिखावे को एक, भितरखाने बिखरा है विपक्ष
झारखंड में सिर्फ दिखावे को एक, भितरखाने बिखरा है विपक्ष

रांची। झारखंड में एकजुट हो सत्ता पक्ष को चुनौती देने का मंसूबा पालने वाला विपक्ष दिखावे को एक है। वास्तव में ये दल बिखरे हुए हैं। यह बात अलग है कि बिखराव खुलकर सतह पर नहीं आया है। विपक्षी मोर्चा में सभी दल खुद को प्रभावी बनाने की कवायद में जुटे हैं, जिससे देर-सवेर टकराव की नौबत आ सकती है। यदि ऐसा हुआ तो कुनबा बनने से पहले ही बिखर जाएगा। झारखंड में स्वाभाविक तौर पर विपक्षी मोर्चे या यूं कहें महागठबंधन की अगुवाई झामुमो के हाथों में है, लेकिन बाबूलाल मरांडी के झाविमो के साथ-साथ कांग्रेस भी दावेदारी में पीछे नहीं दिख रही।

तात्कालिक होड़ की वजह कोलेबिरा उपचुनाव की अधिसूचना है। अधिसूचना जारी होने के साथ ही झामुमो ने कोलेबिरा में भी दावेदारी ठोंक दी है। बिना किसी सलाह-सुझाव के झामुमो द्वारा उठाया गया यह कदम कांग्रेस के साथ-साथ झाविमो को भी रास नहीं आया है। झारखंड पार्टी के एनोस एक्का की सदस्यता रद होने के बाद इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है।

2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा यहां दूसरे स्थान पर रही थी जबकि झामुमो तीसरे। झामुमो की दावेदारी की वजह भी यही बताई जा रही है। चूंकि, कांग्रेस के उम्मीदवार पिछले चुनाव में उससे एक पायदान नीचे चौथे नंबर पर थे। हाल ही में हुए गोमिया और सिल्ली उपचुनाव में जीत हासिल करने वाला झामुमो प्रदेश में कांग्रेस और झाविमो को पिछलग्गू की भूमिका में देख रहा है। यह बात कांग्रेस और झामिवो के प्रदेश के अगुवा नेताओं को अखर रही है। गनीमत यही है कि विपक्षी दलों की कलह अभी खुलकर सतह पर नहीं आई है।

सीटों को लेकर क्या तय हुआ है फार्मूला
विधानसभा की सीटों को लेकर विपक्षी दलों ने मोटा-मोटा फामूर्ला तय किया है। इस फार्मूले के तहत जिन सीटों पर जो काबिज है वह सीट उसी दल के खाते में जाएगी। इसके अलावा जिन सीटों पर सत्ताधारी दल या अन्य दलों का कब्जा है, वहां दूसरे नंबर पर रहने वाले दल को सीट हासिल होगी। जिन सीटों को लेकर जिच होगी, वहां विपक्ष के शीर्ष नेता बैठकर हल निकालने की कोशिश करेंगे। 

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