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झारखंड में मीट विक्रेताओं को आई आफत! हाईकोर्ट के आदेश के बाद नगर निगम ने उठाया ये कदम

देवघर में मांस विक्रेताओं को एनओसी देने की तैयारी है। बशर्ते मीट विक्रेता नगर पालिका एक्ट के तहत दिए प्रावधानों का पालन करेंगे। हाई कोर्ट के आदेश के बाद इन विक्रेताओं का दुकान बंद कराया गया है। जिले में 19 अप्रैल से मीट की दुकानें बंद है। अब लाइसेंस को लेकर स्वास्थ्य विभाग और निगम कार्यालय का चक्कर लगाने का विक्रेता मजबूर हैं।

By Amit Soni Edited By: Shashank Shekhar Published: Sun, 28 Apr 2024 04:39 PM (IST)Updated: Sun, 28 Apr 2024 04:39 PM (IST)
झारखंड में मीट विक्रेताओं को आई आफत! हाईकोर्ट के आदेश के बाद नगर निगम ने उठाया ये कदम (फाइल फोटो)

जागरण संवाददाता, देवघर। देवघर निगम क्षेत्र में मांस विक्रेताओं को निगम प्रशासन एनओसी (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) देने की तैयारी कर रहा है। बशर्ते मांस विक्रेता नगर पालिका एक्ट के तहत दिए गए प्रावधानों का पालन करेंगे। यह संकेत नगर प्रशासक योगेंद्र प्रसाद ने दी है।

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उन्होंने कहा कि इस विषय पर निगम प्रशासन गंभीरता से विचार कर रही है। इस विषय को लेकर जल्द ही अधिकारियों के साथ बैठक कर विचार-विमर्श किया जाएगा। एनओसी निर्गत करने से संबंधित तमाम बिंदुओं पर चर्चा की जाएगी। हालांकि, कुछ मांस विक्रेता अपनी समस्या को लेकर मिलने जरूर आए थे, लेकिन किसी ने आवेदन कार्यालय में जमा नहीं कराया।

उन्होंने बताया कि अब तक विभाग को एनओसी से संबंधित एक भी आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। प्राप्त आवेदन पर विचार किया जाएगा। कोर्ट के आदेश का भी इंतजार है। हाई कोर्ट के आदेशानुसार आगे किसी तरह की कार्रवाई होगी।

नोटिस देकर बंद कराया गया दुकान

हाई कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस की ओर से तमाम मांस विक्रेताओं को नोटिस देकर दुकान बंद कराया है। हाई कोर्ट के आदेश में बिना वैद्य लाइसेंस के खुलेआम पशु व पक्षियों के मांस बिक्री करने व पशुओं को काटकर लटका कर बेचने को फूड सेफ्टी एक्ट का उल्लंघन मानते हुए दुकानें बंद कराने काे आदेश दिया था।

19 अप्रैल से सभी दुकानें बंद है। इसके बाद पुलिस की ओर से मांस विक्रेताओं को नोटिस देकर दुकान बंद रखने को कहा है। हाई कोर्ट के आदेश के बाद खुले में और बिना लाइसेंस के मांस बिक्री करने वाले दुकानों को बंद कराया गया है।

लाइसेंस के लिए भटक रहे दुकानदार

लाइसेंस को लेकर मांस विक्रेता कभी स्वास्थ्य विभाग तो कभी निगम कार्यालय का चक्कर लगा रहे है, लेकिन कहीं से इसका हल नहीं निकल कर सामने आ पा रहा है। इससे मांस विक्रेता परेशान है।

मांस विक्रेता मो. सलमान, मो. इलयास, मो. इजहार व मो. सलामत का कहना है कि लाइसेंस को लेकर काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जल्द ही इसका समाधान हो जाता तो काफी बेहतर होता। इसी पर पूरे परिवार को भरण-पोषण निर्भर है।

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