बेरोजगारी भत्ता: जिसके दम पर सत्ता में आया JMM, हेमंत सरकार ने उसी से मुंह मोड़ा; जानें अब क्‍या होगा

सरकार की योजना प्राधिकृत समिति ने बेरोजगारी भत्ता की फाइल श्रम विभाग को वापस लौटा दी है। इस कारण बेरोजगारी भत्ता के लिए राज्य के बेरोजगारों को अभी लंबा इंतजार करना होगा।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Mon, 22 Jun 2020 10:27 PM (IST) Updated:Tue, 23 Jun 2020 05:23 AM (IST)
बेरोजगारी भत्ता: जिसके दम पर सत्ता में आया JMM, हेमंत सरकार ने उसी से मुंह मोड़ा; जानें अब क्‍या होगा
बेरोजगारी भत्ता: जिसके दम पर सत्ता में आया JMM, हेमंत सरकार ने उसी से मुंह मोड़ा; जानें अब क्‍या होगा

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने राज्य के बेरोजगारों को प्रोत्साहन भत्ता देने की बात अपने घोषणापत्र में की थी। घोषणा के मुताबिक इसके लिए 2020-21 के बजट में प्रावधान भी किया गया है। लेकिन यह योजना अभी सिरे चढ़ते नहीं दिख रही है। कोरोना वायरस महामारी के चलते फाइल वापस लौटा दी गई है। एक ओर राज्य सरकार प्रवासी मजदूरों को काम नहीं देने पर बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा कर रही है, दूसरी ओर पूर्व से ही बेरोजगार चल रहे युवाओं को बेरोजगारी भत्ता (प्रोत्साहन भत्ता) देने की योजना पर ग्रहण लग गया है। योजना प्राधिकृत समिति ने इससे संबंधित फाइल श्रम विभाग को वापस लौटा दी है। इस कारण बेरोजगारी भत्ता के लिए राज्य के बेरोजगारों को अभी लंबा इंतजार करना होगा। फिलहाल फाइल विभाग में ही पड़ी हुई है। 

श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग ने इस साल बजट से योजना राशि स्वीकृत होने के बाद योजना की स्वीकृति का प्रस्ताव विकास आयुक्त की अध्यक्षता वाली योजना प्राधिकृत समिति को भेजा था। विभागीय सूत्रों के अनुसार, योजना प्राधिकृत समिति ने कोविड-19 की वर्तमान स्थिति को देखते हुए यह कहते हुए फाइल वापस लौटा दी कि इस प्रस्ताव को बाद में भेजा जाए। योजना प्राधिकृत समिति की स्वीकृति के बाद इसपर कैबिनेट की स्वीकृति ली जाती। बता दें कि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने राज्य के बेरोजगारों को प्रोत्साहन भत्ता देने की बात अपने घोषणापत्र में की थी। घोषणा के मुताबिक इसके लिए 2020-21 के बजट में प्रावधान भी किया गया है। 

दो वर्षों तक लाभ देने का है प्रावधान

बजट में किए गए प्रावधान के अनुसार, स्नातक पास युवाओं को प्रति वर्ष पांच हजार तथा स्नातकोत्तर को सात हजार रुपये भत्ता दिए जाएंगे। किसी भी लाभुक को इस योजना का लाभ दो वर्षों तक ही मिलेगा। नन मैट्रिक, मैट्रिक व इंटरमीडिएट उत्तीर्ण बेरोजगारों को इसका लाभ नहीं मिल पाएगा। कितने बेरोजगारों को इस योजना का लाभ मिलेगा, इस सवाल पर वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने बजट पास होने के बाद मीडिया से कहा था कि सरकार सभी रिक्त पदों को भरेगी तथा कई अन्य क्षेत्रों में भी रोजगार सृजित किए जाएंगे ताकि बेरोजगारों की संख्या घटे। जिन्हें रोजगार नहीं मिल पाएगा उन्हें भत्ता दिया जाएगा। 

बजट में प्रावधान के बाद निबंधन में आई तेजी

बजट में प्रावधान किए जाने के बाद नियोजनालयों में बेरोजगारों के निबंधन में अचानक तेजी आ गई। हालांकि राज्य सरकार ने तृतीय-चतुर्थ श्रेणी के पदों पर नियुक्ति के लिए भी निबंधन अनिवार्य कर दिया है।

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